पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भारत कई पश्चिमी जल विद्युत परियोजनाओं के संबंध में अतिरिक्त आंकड़े पाकिस्तान के साथ साझा करने को राजी हो गया है। सिंधु जल आयोग की तीन दिवसीय बैठक में यह सहमति बनी है।
इस्लामाबाद, पीटीआइ। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत कई पश्चिमी जल विद्युत परियोजनाओं के संबंध में अतिरिक्त आंकड़े पाकिस्तान के साथ साझा करने को राजी हो गया है। इस्लामाबाद में आयोजित स्थायी सिंधु जल आयोग (पीसीआइडब्ल्यू) की तीन दिवसीय वार्षिक बैठक बुधवार को समाप्त हो चुकी है। मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि बैठक सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई। हालांकि, इसके समग्र निष्कर्षो को सार्वजनिक किया जाना बाकी है।
डान समाचार पत्र के अनुसार, पाकिस्तान ने बैठक के दौरान कुलन रामवाड़ी, फेब-2, तमशा हाइड्रो, बाल्टीकुलन, डरबुक श्योक, नुम्मू चिलिंग, कारगिल हुंदरमैन, फगला और मंडी एचईपी सहित 10 परियोजनाओं पर आपत्ति जताई थी। इनमें से नौ परियोजनाएं 25 मेगावाट या उससे कम की हैं। इनके संबंध में भारत की तरफ से साझा किए गए कुछ आंकड़ों को पाकिस्तान ने अस्वीकार्य बताया था। पाकिस्तान का कहना था कि आंकड़े त्रुटिपूर्ण थे और कुछ तकनीकी चार्ट पढ़ने योग्य नहीं थे।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय पक्ष ने स्पष्ट किया कि प्रांतीय और राज्य सरकारों में आमतौर पर छोटी परियोजनाओं के मामले में डिजाइन और इंजीनियरिंग विवरण बनाए रखने की कमी होती है। हालांकि, वर्ष 1960 की सिंधु जल संधि के तहत आवश्यक दस्तावेजों को अपडेट करने के लिए संबंधित संस्थानों व एजेंसियों से संपर्क किया जाएगा। पाकिस्तान ने इन परियोजनाओं पर 15-20 अतिरिक्त आपत्तियों की एक सूची भारत को प्रदान की है।
पाकिस्तान ने 624 मेगावाट किरू व 48 मेगावाट लोअर कलनई परियोजनाओं पर पांच प्रमुख आपत्तियां उठाई हैं। भारतीय पक्ष खुले दिमाग से आपत्तियों की जांच करने के लिए सहमत हुआ। भारत अतिरिक्त आंकड़ों के साथ आपत्तियों पर अपने दृष्टिकोण की पुष्टि करने और दो हफ्ते के भीतर अपनी प्रतिक्रिया देने पर सहमत हुआ। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत मौजूदा वर्ष के भीतर पाकिस्तानी टीम के दौरे की व्यवस्था करने पर भी सहमत हुआ। भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व सिंधु जल आयुक्त प्रदीप कुमार सक्सेना व पाकिस्तानी पक्ष का नेतृत्व मेहर अली शाह ने किया।