यूक्रेन और रूस के बीच भीषण जंग जारी है। रूसी सैनिक लगातार यूक्रेन के अलग-अलग शहरों पर बम के गोले बरसा रहे हैं जिसकी कई देश निंदा कर रहे हैं लेकिन बावजूद इसके रूस हमला तेज करते हुए कई शहरों पर घातक बमबारी कर रहा है।
कीव, एजेंसी। यूक्रेन और रूस के बीच भीषण जंग जारी है। रूसी सैनिक लगातार यूक्रेन के अलग-अलग शहरों पर बम के गोले बरसा रहे हैं, जिसकी कई देश निंदा कर रहे हैं, लेकिन बावजूद इसके रूस हमला तेज करते हुए कई शहरों पर घातक बमबारी कर रहा है। यूक्रेन की सरकार का कहना है कि रूसी सेना ने मारियुपोल शहर में 80 से अधिक लोगों को शरण देने वाली एक मस्जिद पर बमबारी की।
यूक्रेन के विदेश मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि दक्षिण पूर्वी यूक्रेनी बंदरगाह शहर मारियुपोल में एक मस्जिद, जहां 86 नागरिक शरण ले रहे थे, पर रूसी सेना ने गोलाबारी की। मंत्रालय ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा कि मारियुपोल में सुल्तान सुलेमान द मैग्निफिकेंट और उनकी पत्नी रोक्सोलाना (हुर्रेम सुल्तान) की मस्जिद पर रूसी सैनिकों ने गोलाबारी की। तुर्की में यूक्रेनी दूतावास का कहना है कि 34 बच्चों सहित 86 तुर्की नागरिकों का एक समूह, मारियुपोल शहर में एक मस्जिद में शरण लिए हुए है। दूतावास के एक प्रवक्ता ने शहर के मेयर से मिली जानकारी का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने आजोव सागर पर घिरे बंदरगाह पर रूसी हमले से पनाह लेने के लिए अन्य लोगों के साथ मस्जिद में शरण ली थी। वह कहती हैं कि मारियुपोल में वास्तव में बड़ी संचार समस्याएं हैं और उन तक पहुंचने का कोई अवसर नहीं है।
मारियुपोल एक सप्ताह से अधिक समय से घेराबंदी जारी है। लगातार बमबारी की रही है। शहर को रूसी सैनिकों द्वारा घेर लिया गया है। डाक्टर्स विदाउट बार्डर्स के एक शीर्ष कार्यकारी ने कहा कि रणनीतिक बंदरगाह शहर में स्थिति “निराशाजनक” थी, जहां नागरिक भागने की सख्त कोशिश कर रहे थे। यहां पानी या गर्मी के बिना हालात खराब है, लोग भोजन के लिए तरस रहे हैं।
यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने शुक्रवार को ट्वीट किया कि रुसी सैनानी की घेराबंदी से मारियुपोल अब धरती पर सबसे भीषण मानवीय आपदा से जूझ रहा है। यहां 12 दिनों में 1,582 नागरिक मारे गए हैं। शहर के एक बच्चों के अस्पताल पर बुधवार को हुए मिसाइल से हमले में एक बच्चे सहित तीन लोगों की मौत हो गई, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आक्रोश फैल गया।
यूक्रेन की उप प्रधान मंत्री इरीना वीरेशचुक ने कहा कि इस पृष्ठभूमि के खिलाफ एक मानवीय गलियारा खोलने का एक नया प्रयास किया जा रहा है ताकि नागरिकों को उत्तर पूर्व में लगभग 200 किलोमीटर की दूरी पर जापोरिज़्ज़िया की ओर शहर खाली करने की अनुमति मिल सके।