पाकिस्तान को हथियारों का निर्यात बढ़ाएगा चीन, भारत पर दबाव बनाए रखने की रणनीति पर काम कर रहा ड्रैगन

चीन पाकिस्‍तान को अपने हथियारों का निर्यात बढ़ाएगा। समाचार एजेंसी आइएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्‍तान को स्टील्थ फाइटर्स से लेकर पनडुब्बियों तक की बिक्री शुरू की गई है। चीन ने भारत पर दबाव बनाने के लिए यह कदम उठाया है।

 

इस्‍लामाबाद । भारत पर दबाव बनाए रखने के लिए चीन अब पाकिस्‍तान के कंधे का सहारा ले रहा है। समाचार एजेंसी आइएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने पाकिस्तान के साथ अपने रक्षा सहयोग को धार देने का फैसला किया है। इस कवायद के तहत चीन पाक में अपने हथियारों का निर्यात बढ़ाएगा। इसमें चीन की ओर से पाकिस्‍तान को स्टील्थ फाइटर्स से लेकर पनडुब्बियों तक की बिक्री शुरू की गई है। इस कदम को चीन की ओर से भारत पर दबाव बनाए रखने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है।

दरअसल दक्षिण एशिया में चीन अपने रक्षा विस्तार को बढ़ाने के मकसद से आगे बढ़ रहा है। गौर करने वाली बात यह है कि पाकिस्‍तान के साथ रक्षा सहयोग में चीन की बढ़ोतरी ऐसे समय में हुई है जब अमेरिका और यूरोप रूस-यूक्रेन संघर्ष से पैदा हुए हालात पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। इस्लामिक सहयोग संगठन यानी ओआइसी के विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने आए चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने इस्लामाबाद की अपनी यात्रा के दौरान कहा कि चीन पाकिस्तान को अपनी क्षमता के अनुरूप मदद देने के लिए तैयार है।

इस महीने की शुरुआत में चीन ने पाकिस्‍तान को अपने रक्षा सहयोग के तहत छह J-10CE लड़ाकू विमान दिए थे। जे-10सीई फाइटर जेट बुधवार को इस्लामाबाद में पाकिस्तान दिवस के मौके पर हुई परेड का भी हिस्सा थे। J-10CE एक 4.5 पीढ़ी का लड़ाकू विमान है जो क्षमता के मामले में F-15s और F-35 स्टील्थ लड़ाकू विमानों की श्रेणी में शुमार है। इस परेड में पाकिस्तान ने अपनी सैन्य ताकत का प्रदर्शन किया था।

पाकिस्तान ने चीन के साथ संयुक्त रूप से विकसित कम से कम 50 नए जेएफ-17 लड़ाकू विमान भी शामिल किए हैं। माना जा रहा है कि पाकिस्तान के साथ चीन का बढ़ता रक्षा सहयोग सीधे तौर पर हाल ही में भारत की ओर से हासिल की गई रूसी एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली का जवाब है। इसे भारतीय हवाई अभियानों से संभावित खतरे की प्रतिक्रिया के रूप में भी देखा जा रहा है। यही नहीं चीन पाकिस्तान की नौसैनिक क्षमताओं को भी मजबूत कर रहा है।

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