श्रीलंका के आर्थिक संकट और पाक की राजनीतिक अस्थिरता से क्‍यों चिंतित हुआ भारत? जानें- एक्‍सपर्ट व्‍यू

ऐसे में सवाल उठता है कि क्‍या पाकिस्‍तान में सियासी संकट का असर भारत पर होगा। क्‍या भारत श्रीलंका के भीषण आर्थिक संकट से चिंतित है। क्‍या श्रीलंका और पाकिस्‍तान का असर भारत पर पड़ेगा। पड़ोसी मुल्‍कों के संकट से भारत की चिंता क्‍यों बढ़ी है।

 

नई दिल्‍ली, भारत के पड़ोसी मुल्‍कों में अशांति और राजनीतिक अनिश्चितता का माहौल है। पाकिस्‍तान में सियासी संकट जारी है। इसके साथ श्रीलंका आर्थिक संकट से जूझ रहा है। नेपाल में भी सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्‍या पाकिस्‍तान में सियासी संकट का असर भारत पर होगा। क्‍या भारत श्रीलंका के भीषण आर्थिक संकट से चिंतित है। क्‍या श्रीलंका और पाकिस्‍तान का असर भारत पर पड़ेगा। पड़ोसी मुल्‍कों के संकट से भारत की चिंता क्‍यों बढ़ी है। आइए जानते हैं इस पर क्‍या है विशेषज्ञों की राय।

पड़ोसी पाकिस्‍तान की सियासत का भारत पर असर

1- नेशनल असेंबली में विपक्ष का अविश्‍वास प्रस्‍ताव खारिज हो गया, लेकिन पाकिस्‍तान का राजनीतिक संकट अभी टला नहीं है। इमरान की सलाह पर नेशनल असेंबली को भंग कर दिया गया है, अब पाकिस्‍तान में दोबारा चुनाव कराए जाएंगे। चुनाव के बाद पाक‍िस्‍तान में किस पार्टी की सरकार बनेगी। सवाल यह भी है कि पाकिस्‍तान के सियासी संकट का भारत पर क्‍या असर होगा। यह सच है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार के कट्टर आलोचक रहे हैं। इमरान खान कई बार अंतरराष्‍ट्रीय मंचों पर भारत में अल्‍पसंख्‍यकों की सुरक्षा पर सवाल उठा चुके हैं। उन्‍होंने मोदी सरकार की छवि को खराब करने की हर कोशिश की है। अनुच्‍छेद 370 पर उन्‍होंने मोदी सरकार की निंदा की थी।

2- उन्‍होंने कहा कि हालांक‍ि, इमरान खान के नेतृत्‍व में भारत-पाक सीमा पर तनाव में कमी आई है। वर्ष 2021 के बाद वास्‍तविक सीमा पर तनाव सबसे निचले स्‍तर पर गया है। इसका एक कारण यह भी है कि इस दौरान  इमरान सरकार अपने आंतरिक मुद्दों पर ज्‍यादा संघर्ष कर रही थी। प्रो हर्ष वी पंत का कहना है कि नई सरकार के समक्ष पाकिस्‍तानी सेना इस्‍लामाबाद पर कश्‍मीर को लेकर नया दबाव बना सकती है। उन्‍होंने कहा कि अभी यह तय कर कर पाना मुश्किल है कि पाकिस्‍तान की नई सरकार का कश्‍मीर मुद्दे पर क्‍या रुख रहता है। भारत पाकिस्‍तान के रिश्‍ते कश्‍मीर और पाक प्रायोजित आतंकवाद पर निर्भर करता है। इसलिए यह देखना दिलचस्‍प होगा कि इस्‍लामाबाद में किसकी हुकूमत आती है।

श्रीलंका आर्थिक संकट और भारत

1- भारत का पड़ोसी मुल्‍क श्रीलंका आर्थिक संकट से गुजर रहा है। ऐसे में यह सवाल पैदा होता है कि क्‍या श्रीलंका के आर्थिक संकट का असर भारत पर पड़ेगा। प्रो पंत का कहना है कि श्रीलंका के आर्थिक संकट का असर भारत पर प्रत्‍यक्ष या अप्रत्‍यक्ष रूप से जरूर पड़ेगा। अक्‍सर यह देखा गया है कि श्रीलंका में जब भी कोई संकट पैदा हुआ तो इसकी आंच भारत तक आती है। किसी तरह के संकट में श्रीलंका की तमिल आबादी का भारत के तमिलनाडु में पलायन शुरू हो जाता है। श्रीलंका में गृहयुद्ध के दौरान लाखों तमिलों ने भारत में शरण ली थी। ऐसे में यदि श्रीलंका में आर्थिक संकट के कारण बेराजगारी पैदा होती है तो श्रीलंकाई तमिल भारत में पलायन कर सकता है।

 

2- ऐसे में यह अनुमान लगाया जा रहा है कि श्रीलंका के हालात को देखते हुए भारत आने वाले शरणार्थियों की संख्‍या बढ़ेगी। हालांकि, भारत सरकार ने हाल में आने वाले तमिलों की संख्‍या के बारे में अभी कुछ नहीं कहा है। अगर ऐसा होता है तो भारत के लिए समस्‍या बढ़ेगी। श्रीलंका के पास विदेशी मुद्रा की भारी कमी है। उसे 51 अरब डालर के विदेशी कर्ज को चुकाने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही है। देश में महंगाई और बिजली कटौती के साथ-साथ श्रीलंका भोजन, ईंधन और अन्य जरूरी चीजों की भारी कमी का सामना कर रहा है। भारत ने श्रीलंका आर्थिक और ऊर्जा संकट से निपटने और ईंधन, भोजन और दवाओं की खरीद के लिए 1.5 अरब डालर से अधिक की वित्तीय सहायता दी है। देश में आर्थिक मंदी के चलते श्रीलंका में राजनीतिक अस्थिरता पैदा हो गई है। रविवार की रात महिंदा राजपक्षे कैबिनेट के सभी 26 मंत्रियों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *