सावधान! नई नौकरी ज्वाइन करने वाले इन बातों का रखें ख्याल

नई नौकरी ज्वाइन करने वालों को ऑफर लेटर सही से पढ़ना चाहिए सैलरी ब्रेकअप पर एचआर से क्लियरिटी लेनी चाहिए और कंपनी की टर्म एंड कंडीशन्स को सही से समझ लेना चाहिए। इसके अलावा ज्वाइन करने से पहले कंपनी की रेपो के बारे में भी जान लेना चाहिए।

 

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करने का फायदा कहिए या नुकसान, इसमें लोग काफी नौकरियां बदलते हैं। नौकरियां बदलने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। इनमें आम तौर पर बड़ा कारण सैलरी हाइक मिलने का होता है। ऐसे में अगर आप नई नौकरी ज्वाइन करने वाले हैं तो आपके लिए जरूरी है कि आपको कुछ बातों के बारे में जानकारी होनी चाहिए। दरअसल, नई नौकरी ज्वाइन करते वक्त कुछ बातों का ख्याल रखना बहुत जरूरी होता है। इसीलिए, इस लेख में हम आपको ऐसे ही कुछ जरूरी बातों के बारे में जानकारी देने वाले हैं, जिन्हें नई नौकरी ज्वाइन करने से पहले आपको ध्यान में रखना चाहिए।

ऑफर लेटर सही से पढ़ें

सबसे पहली बात तो यह है कि जब आप कोई नई कंपनी ज्वाइन करते हैं तो वह कंपनी आपको ऑफर लेटर देती है। ऑफर लेटर में उस पेशकश का जिक्र होता है, जो कंपनी द्वारा आपको ऑफर की जा रही हैं, जैसे- कंपनी आपको किस डेजिग्नेशन पर आपको रखना चाहती है या कंपनी आपको क्या सैलरी देगी। इस तरह की जानकारी होने के साथ ही, आपकी जॉइनिंग डेट के बारे में भी जानकारी होती है। इसे ध्यान से पढ़ें।

सैलरी ब्रेकअप पर क्लियरिटी

ऑफर लेटर में दिए गए सैलरी ब्रेकअप को अच्छे से समझ लेना चाहिए। सैलरी ब्रेकअप के कई कंपोनेंट होते हैं, जैसे सीटीसी, ग्रॉस सैलेरी, नेट सैलरी, बेसिक सैलरी, हेल्थ इंश्योरेंस, PF, अलाउंस ( HRA, LTA, DA आदि) होते हैं। कई कंपनियां कई तरह के इंसेंटिव को भी सैलरी ब्रेकअप का हिस्सा बनाती हैं। ऐसे में कई बार नौकरी ज्वाइन करने वाले पेशेवरों को सैलेरी ब्रेकअप समझने में दिक्कत भी हो सकते हैं। लेकिन, इसे सिर्फ ऐसे ही नहीं छोड़ देना चाहिए। सैलेरी ब्रेकअप को अच्छे से समझें ताकि आपको पता हो कि आपकी सीटीसी कितनी है और आपके अन्य कंपोनेंट्स की वैल्यू कितनी है तथा आपके अकाउंट में सैलरी कितनी क्रेडिट होगी।

टर्म एंड कंडीशन्स को समझें

जब आप कोई कंपनी ज्वाइन कर रहे होते हैं तो वह कंपनी आपको अपॉइंटमेंट लेटर देती है, जिसमें तमाम तरह की टर्म्स एंड कंडीशन्स लिखी होती हैं। लेटर पर साइन करने से पहले आपको यह कंडीशन्स अच्छे से समझ लेनी चाहिए और अगर किसी बात को लेकर कोई कंफ्यूजन हो तो उसके बारे में अपने रिक्रूटिंग एचआर से समझ लेना चाहिए। इस संबंध में पूरी तरह से क्लियरिटी होने के बाद ही अपॉइंटमेंट लेटर पर साइन करना चाहिए।

कंपनी की रेपो के बारे में जान लें

और, इन सबसे भी जरूरी बात यह है कि कोई भी कंपनी ज्वाइन करने से पहले मार्केट में उसकी रेपोटेशन को लेकर जरूर जानकारी हासिल कर लें। उसका वर्क कल्चर कैसा है और उस कंपनी की सैलरी आदि को लेकर बाजार में क्या रेपोटेशन है, यह सब जानने के बाद ही कंपनी ज्वाइन करने या न करने का फैसला करें।

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