लखनऊ आरटीओ में आरसी पाने के लिए धक्‍का खा रहे वाहन स्‍वामी, अधिकारियों को नहीं चिंता

संभागीय परिवहन कार्यालयों में आरसी प्रपत्रों का संकट है। आरसी लेने के लिए वाहन स्‍वामियों की भीड़ लगी हुई है लेकिन चंद पैसे वाले इन कागजातों की कमी आए दिन बनी रहती है। नया वाहन लेने के बाद लोग आरटीओ कार्यालयों के चक्कर लगाने को मजबूर रहते हैं।

 

लखनऊ,  अफसरों की लापरवाह कार्यशैली आमजनों पर भारी पड़ रही है। प्रदेश के संभागीय परिवहन कार्यालयों में आरसी प्रपत्रों का संकट है। लोग अपने वाहनों की आरसी लेने के लिए संभागीय परिवहन कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन पंजीयन के सबसे जरूरी चंद पैसे वाले प्रिंटेड आरसी कागजों की उपलब्धता नहीं हो पा रही है। सूचना दिए जाने के नाम पर आरटीओ कार्यालयों और मुख्यालय के बीच महज पत्राचारों का खेल आवेदकों की परेशानी बढ़ा रहा है।

चंद पैसे वाले इन कागजातों की कमी आए दिन बनी रहती है। इसका असर आवेदकों पर पड़ता है। नया वाहन लेने के बाद आरसी न मिल पाने की वजह से वे आरटीओ कार्यालयों के चक्कर लगाने को मजबूर रहते हैं। वहीं नवीनीकरण कराने वाले वाहनों को भी तत्काल आरसी की दरकार रहती है। लेकिन प्रपत्रों की कमी से इन्हें एक बार में आरसी नहीं मिल पाती है।

जो थोड़े-बहुत प्रपत्र होते भी हैं उन्हें भी वीआइपी के लिए अलमारी में छिपाकर रिजर्व में रख दिया जाता है। सूत्रों के अनुसार, राजधानी के संभागीय परिवहन कार्यालय में महज एक हजार से भी कम प्रिंटेड आरसी कागज हैं। जबकि अकेले राजधानी में ही हर माह करीब 20,000 के आसपास आरसी प्रपत्रों की जरूरत होती है। जरूरत के सापेक्ष सप्लाई में हर माह बड़ा अंतर बना रहता है। इसका खामियाजा आवेदक भुगतने को मजबूर रहते हैं।

आरसी प्रपत्रों की दिक्कत बनी रहती है। अधिकारियों को अवगत कराया गया है। पत्राचार भी किया जाता है। इधर फिर से दिक्कत बनी हुई है। आरसी प्रपत्रों के जल्द ही प्रिंट होकर आने की संभावना है। प्रपत्र मिलते ही हालात सामान्य हो जाएंगे।‘ – आरपी द्विवेदी, आरटीओ

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