रामपुर में जयंत चौधरी तथा आजम खां के परिवारीजन के बीच मुलाकात पर अखिलेश यादव ने कहा अच्छी बात वो आजम खां के परिवार के लोगों से मिले हैं लेकिन मैंने उन्हें नहीं भेजा। जयंत कुछ भी करने और कहीं पर भी जाने के लिए स्वतंत्र हैं।
लखनऊ । उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की प्रचंड जीत के बीच ही रामपुर से निर्वाचित विधायक आजम खां भी राजनीतिक सरगर्मी में लगातार बने हैं। आजम खां के करीबियों के समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव पर लगातार अनदेखी के आरोप के बीच में बुधवार को राषï्ट्रीय लोकदल के प्रमुख जयंत चौधरी रामपुर पहुंचे और आजम खां के निवास पर जाकर उनके विधायक बेटे अब्दुल्ला आजम खां से भेंट की। जयंत और अब्दुल्ला आजम खां की इस मुलाकात पर जब अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया आई तो उन्होंने कहा कि मैंने तो जयंत चौधरी को रामपुर नहीं भेजा। इतना ही नहीं अखिलेश यादव ने तो चाचा शिवपाल सिंह को भाजपा में शामिल बताया।
रामपुर से विधायक और समाजवादी पार्टी के कद्दावर मुस्लिम चेहरा माने जाने वाले मोहम्मद आजम खां बीते दो वर्ष से सीतापुर जेल में बंद हैं। उनका स्वास्थ्य भी ठीक नहीं है और उनके खिलाफ करीब 75-80 मुकदमें अभी भी चल हैं। इन दो वर्ष के अंतराल में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव सिर्फ एक बार आजम खां से मिलने सीतापुर जेल गए और तो और वह उनकी रिहाई के लिए अभी तक किसी तरह का कोई बड़ा आंदोलन नहीं खड़ा कर सके। इसी बात को लेकर आजम खां खेमे से अखिलेश यादव के खिलाफ बगावती सुर उठ रहे हैं तो असदुद्दीन ओवैसी लगातार आजम खां को अपनी पार्टी में शामिल होने का खुला आफर दे रहे हैं।
आजम खां का खेमा खुलकर अखिलेश यादव से नाराजगी जाहिर कर रहा है। आजम खां के समर्थन में मुस्लिम नेताओं के ताबड़तोड़ इस्तीफों के बीच सपा गठबंधन के साथी और रालोद प्रमुख जयंत चौधरी आजम खां के घर पहुंचे। अखिलेश यादव ने इस बात से इनकार किया कि उन्होंने जयंत को भेजा है। इन दिनों जयंत खां के साथ दिखने वाले भीम आर्मी के अध्यक्ष चंद्रशेखर बुधवार को आजम खां से जेल में मुलाकात करने वाले थे, लेकिन तबीयत ठीक नहीं होने की वजह से उन्हें इसे टालना पड़ा। अब वह अगले सप्ताह सीतापुर जेल जाकर आजम खां से भेंट करेंगे।
समाजवादी पार्टी के संस्थापक तथा कद्दावर नेता आजम खां भले ही करीब दो वर्ष से सीतापुर की जेल में बंद हैं, लेकिन इस दिनों उत्तर प्रदेश की सियासत में फिर सुर्खियों में हैं। आजम खां की उपेक्षा को लेकर उनके समर्थकों ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन कर आठ सीट जीतने वाले राष्ट्रीय लोकदल के मुखिया जयंत चौधरी ने बुधवार को रामपुर पहुंचकर अब्दुल्ला आजम खां से भेंट की। रामपुर में जयंत चौधरी तथा आजम खां के परिवारीजन के बीच मुलाकात पर अखिलेश यादव ने कहा कि अच्छी बात वो आजम खां के परिवार के लोगों से मिले हैं, लेकिन मैंने उन्हें नहीं भेजा। अखिलेश यादव ने कहा कि अच्छी बात वो आजम खां के परिवार से मिले पर मैंने तो उन्हें नहीं भेजा है। जयंत चौधरी अब तो कुछ भी करने और कहीं पर भी जाने के लिए स्वतंत्र हैं।
अखिलेश यादव से दूरी के बाद आजम खां पर जयंत की नजर : समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से बढ़ी दूरी के बाद सपा के दिग्गज मोहम्मद आजम खां पर राष्ट्रीय लोकदल की नजर है। रालोद अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह बुधवार को पहली बार आजम खां के परिवार से मिलने रामपुर पहुंचे। करीब सवा घंटे आजम खां की पत्नी पूर्व सांसद डा. तजीन फात्मा और बेटे विधायक अब्दुल्ला आजम से बातचीत की। इसके बारे में खुलकर कोई नहीं बोला, लेकिन माना जा रहा है कि आजम को जयंत अपने साथ लाना चाहते हैं। आजम खां परिवार से मुलाकात के बाद जयंत चौधरी ने कहा कि आजम खां वरिष्ठ नेता हैं। उन्हें प्रताडि़त किया जा रहा है। अब्दुल्ला से बात हुई है, वह हिम्मत व हौसले वाले हैं। उनकी सहानुभूति इस परिवार के साथ हैं। उन्होंने कहा कि काफी कुछ है जिसका आजम खां का परिवार सामना कर रहा है। मेरी जिम्मेदारी थी कि जब में रामपुर आया था तो उनसे मिलूं। अब मुलाकात के दौरान आजम खां के परिवारी के लोगों ने उम्मीद जताई है कि जल्द उनको जमानत मिल जाएगी।
अखिलेश ने शिवपाल यादव को बताया भाजपा का करीबी : शिवपाल सिंह यादव के भाजपा में जाने की तेज हो रही अटकलों के बीच अखिलेश यादव ने परोक्ष रूप से स्वीकार किया है कि चाचा अब विरोधी दल के संपर्क में हैं और साफ कर दिया कि ऐसे लोग सपा के साथ नहीं रहेंगे। शिवपाल यादव को लेकर किए गए सवाल पर अखिलेश यादव ने दो टूक कहा कि जो भाजपा से मिलेगा, वह तो सपा में कभी नहीं दिखेगा। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी किसी के दबाव में काम नहीं करती। हम लोगों के हक की आवाज उठाते हैं। जो हमारे साथ है उसका सम्मान करते हैं लेकिन हमारा कोई नेता भाजपा के पास जाता है तो वो हमारा कैसे हो सकता है। अखिलेश ने साफ कर दिया कि चाचा शिवपाल से अब संबंध ठीक नहीं हैं।