गैस आयात करने और नए घरेलू क्षेत्रों से गैस खरीदने की गेल को मिली अनुमति। इससे घरेलू स्तर पर गैस की जरूरत पूरी होगी और कीमतों में कमी आने की संभावना है। मंत्रालय ने कहा कि गेल ना केवल गैस आयात करेगी बल्कि नए स्थानीय क्षेत्रों से गैस खरीदेगी।
नई दिल्ली, पीटीआइ। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने शहरी गैस आपूर्ति इकाईयों के लिए अपनी गैस आवंटन नीति में संशोधन किया है। इस आदेश से सरकारी स्वामित्व वाली गेल (इंडिया) लिमिटेड को घरों और परिवहन क्षेत्र की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए गैस आयात करने और नए घरेलू क्षेत्रों से गैस खरीदने की अनुमति मिल गई है।
गेल ना केवल गैस आयात करेगी बल्कि नए स्थानीय क्षेत्रों से गैस खरीदेगी
मंत्रालय ने एक आदेश में कहा कि गेल ना केवल गैस आयात करेगी बल्कि नए स्थानीय क्षेत्रों से गैस खरीदेगी। क्योंकि पुराने ब्लाक से की जा रही आपूर्ति पर्याप्त नहीं है। अब तक गैस वितरण इकाइयों को पुराने क्षेत्रों से प्राकृतिक गैस आवंटित की जाती थी, जिन्हें विनियमित या एपीएम गैस कहा जाता है।
कैबिनेट ने 2014-15 में शहरी गैस को नो-कट सेक्टर बनाया था
इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कैबिनेट ने 2014-15 में शहरी गैस को नो-कट सेक्टर बनाया था, जिसका मतलब था कि इस क्षेत्र की सभी मांग घरेलू क्षेत्रों से पूरी की जाएगी। हालांकि इस बीच गैस की मांग बढ़ी लेकिन एपीएम गैस का उत्पादन स्थिर रहा। जिसके बाद मंत्रालय ने आवंटन नीति में संशोधन किया।
सिटी गैस इकाइयों को गैस आवंटन तीन महीने के आधार पर किया जाएगा
मंत्रालय के छह मई के आदेश के अनुसार सिटी गैस इकाइयों को गैस आवंटन तीन महीने के आधार पर किया जाएगा, जबकि पहले छह महीने के आधार पर की जाती थी। घरेलू गैस की उपलब्धता में कमी को पूरा करने के लिए गेल दुर्लभ क्षेत्रों से गैस खरीदेगा। इस क्षेत्र की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए गेल तिमाही आवंटन में हरेक शहर के घरेलू खंड के लिए सीएनजी और पीएनजी की 100 प्रतिशत आवश्यकता से अधिक 2.5 प्रतिशत पूल्ड प्राकृतिक गैस की आपूर्ति करेगा। गेल दुर्गम क्षेत्रों से गैस लेगी जिनकी कीमत उपलब्ध विनियमित गैस के साथ मिश्रित करने के लिए एपीएम गैस से अधिक है।