महंगाई की बड़ी मार के लिए हो जाइए तैयार, जून और अगस्त में और महंगा होगा लोन

आरबीआइ जून और अगस्त में फिर से 35-35 आधार अंक तक रेपो रेट बढ़ा सकता है। अभी हाल ही में आरबीआइ ने रेपो रेट में 40 आधार अंक की बढ़ोतरी की है।

 

नई दिल्ली, महंगाई इस साल थमने नहीं जा रही है। इस साल सितंबर तक खुदरा महंगाई दर सात प्रतिशत से ऊपर रह सकती है और उसके बाद महंगाई दर 7- 6.5 प्रतिशत के बीच रहेगी। इस बढ़ती महंगाई को काबू में करने के लिए आरबीआइ जून और अगस्त में फिर से 35-35 आधार अंक तक रेपो रेट बढ़ा सकता है।

आरबीआइ ने रेपो रेट में 40 आधार अंक की बढ़ोतरी की

अभी हाल ही में आरबीआइ ने रेपो रेट में 40 आधार अंक की बढ़ोतरी की है। बाजार से नकदी को कम करने के लिए सीआरआर भी बढ़ाया जा सकता है। एसबीआइ इकोरैप ने ऐसा अनुमान जाहिर किया है।

वैश्विक सप्लाई चेन के प्रभावित होने से महंगाई दुनिया भर में बढ़ रही

विशेषज्ञों का मानना है कि मुख्य रूप से वैश्विक सप्लाई चेन के प्रभावित होने से महंगाई दुनिया भर में बढ़ रही है। वहीं, कोरोना काल में दुनिया भर में सरकार की तरफ से दिए गए आर्थिक पैकेज का असर भी महंगाई पर दिख रहा है।

महंगाई से जनता को राहत देने के लिए तमाम उपायों पर विचार-विमर्श

दूसरी तरफ, वित्त मंत्रालय में महंगाई से जनता को राहत देने के लिए तमाम उपायों पर विचार-विमर्श किया जा रहा है और हो सकता है खाद्य तेल के आयात पर लगने वाले सेस की दरों में कुछ कटौती की जाए ताकि खाद्य तेल के खुदरा दाम में कुछ राहत मिल सके।

महामारी में सरकार की तरफ से आर्थिक पैकेज के साथ वित्तीय मदद दी गई

नेशनल इंस्टीट्यूट आफ पब्लिक फाइनेंस एंड पालिसी के निदेशक पिनाकी चक्रवर्ती ने कहा कि कोरोना काल में खपत को जारी रखने लिए सरकार की तरफ से आर्थिक पैकेज के साथ वित्तीय मदद दी गई। इसका असर महंगाई के तौर पर दिख रहा है। इसी तरह के कदम दूसरे देशों में भी उठाए गए और वहां भी मुद्रास्फीति चरम पर है।

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