आर्यन खान मामले पर फिर मुश्किलों में आए समीर वानखेड़े, केंद्र ने गलत जांच के लिए कार्रवाई का दिया निर्देश

पिछले साल 2 अक्टूबर को मुंबई से गोवा के रास्ते में कार्डेलिया क्रूज लाइनर पर एक हाई-प्रोफाइल ड्रग पार्टी हुई थी। ड्रग्स पार्टी में मामूली मात्रा में कोकीन मेफेड्रोन चरस हाइड्रोपोनिक वीड एमडीएमए और 133000 रुपये नकद जब्त किए गए थे।

 

मुंबई । शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को नार्कोटिक्स कंट्रोल बोर्ड (NCB) ने ड्रग्स-आन- क्रूज मामले पर क्लीन चिट दे दी है। इस बीच, समाचार एजेंसी एएनआइ ने सूत्रों के हवाले से बताया कि केंद्र सरकार ने सक्षम प्राधिकारी (Competent Authority) से एनसीबी के पूर्व अधिकारी समीर वानखेड़े के खिलाफ ड्रग्स-आन-क्रूज मामले पर गलत जांच के लिए कार्रवाई करने का निर्दश दिया है। आर्यन खान को अक्टूबर 2021 के ड्रग्स-आन-क्रूज मामले में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो द्वारा क्लीन चिट दिए जाने के बाद समीर वानखेड़े का मामला एक बार फिर सामने आया है।

मामले के संबंध में ड्रग रोधी एजेंसी द्वारा दायर आरोपपत्र में आर्यन खान और पांच अन्य के नाम हटा दिए गए थे। मुंबई की एक अदालत में चार्जशीट दाखिल करने वाले एनसीबी के अधिकारियों ने कहा कि आर्यन खान और पांच अन्य का नाम पर्याप्त सबूतों की कमी के कारण नहीं रखा गया था।

बता दें कि 5 नवंबर, 2021 को एनसीबी ने मामले से मुंबई जोनल यूनिट समीर वानखेड़े को हटा दिया और जांच को दिल्ली स्थित अपनी संचालन इकाई में स्थानांतरित कर दिया। मामले में एक स्वतंत्र गवाह द्वारा शामिल लोगों द्वारा जबरन वसूली का दावा किए जाने के बाद वानखेड़े विभागीय सतर्कता जांच का सामना कर रहे थे।

Sameer Wankhede ने एनसीबी की छापेमारी का किया था नेतृत्व 

पिछले साल 2 अक्टूबर को मुंबई से गोवा के रास्ते में कार्डेलिया क्रूज लाइनर पर एक हाई-प्रोफाइल ड्रग पार्टी हुई थी। ड्रग्स पार्टी में मामूली मात्रा में कोकीन, मेफेड्रोन, चरस, हाइड्रोपोनिक वीड, एमडीएमए और 1,33,000 रुपये नकद जब्त किए गए थे। एनसीबी ने छापेमारी के दौरान आर्यन सहित आठ लोगों को गिरफ्तार किया था, जबकि छह अन्य को जाने दिया गया था। जांच के दौरान यह संख्या बढ़कर 20 हो गई थी।

गौरतलब है कि आर्यन खान को इस पूरे मामले में 28 दिनों तक जेल में रहना पड़ा था। शुक्रवार को एनसीबी के डीजी ने बताया कि इस मामले में आर्यन खान समेत छह लोगों के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले हैं। शुरुआती केस में कुछ कमियां पाई गई और पहली जांच टीम ने गलतियां की थीं।

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