श्रीलंका में फिलहाल लोगों को पेट्रोल से लेकर खानेपीने की चीजों के लिए भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। राष्ट्रपति गोटाबाया व उनके परिवार के अन्य सदस्यों पर सत्ता छोड़ने का दबाव बनाने के लिए लोग आंदोलन कर रहे हैं।
कोलंबो, प्रेट्र। अभूतपूर्व आर्थिक संकट का सामना कर रहे श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के खिलाफ चल रहा आंदोलन शनिवार को 50वें दिन में प्रवेश कर गया। इस बीच, आयोजकों ने आंदोलन तेज करने और बड़ी प्रतिभागिता के साथ रैलियां निकालने की चेतावनी दी है।
राष्ट्रपति कार्यालय के सामने गाले फेस इलाके में धरनास्थल पर 50 दिनों से मौजूद प्रदर्शनकारी चामीरा जीवंता ने कहा, ‘हमारा संघर्ष तभी खत्म होगा, जब राजपक्षे परिवार राजनीति छोड़ देगा और अपनी गलतियों के लिए जनता की अदालत में पेश होगा।’ इस बीच, पुलिस ने कहा कि उसने प्रदर्शनकारियों को मध्य कोलंबो के फोर्ट एरिया की प्रमुख सड़कों पर प्रवेश करने से रोकने के लिए कोर्ट से आदेश हासिल किया है।
उल्लेखनीय है कि श्रीलंका में फिलहाल लोगों को पेट्रोल से लेकर खानेपीने की चीजों के लिए भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। राष्ट्रपति गोटाबाया व उनके परिवार के अन्य सदस्यों पर सत्ता छोड़ने का दबाव बनाने के लिए लोग आंदोलन कर रहे हैं। नौ मई को सरकार समर्थक व विरोधी प्रदर्शनकारियों में झड़पें हो गई थीं, जिनमें 11 लोग मारे गए थे और 200 से ज्यादा घायल हुए थे।
खाद की आपूर्ति के लिए 60 करोड़ डालर की दरकार : पीएम
एएनआइ के अनुसार, प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे ने कहा है कि देश में खाद की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए 60 करोड़ डालर की जरूरत है। कृषि क्षेत्र के प्रतिनिधियों और विक्रमसिंघे के बीच हुई बैठक में अधिकारियों ने बताया कि अगर बैंक डालर जारी कर दे, तो कंपनियां खाद की आपूर्ति के लिए तैयार हैं। विक्रमसिंघे ने कहा कि वह जल्द ही आवश्यक कृषि आपूर्ति विधेयक संसद में पेश करने वाले हैं, जो खाद्य सामग्री की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करेगा।
श्रीलंका पहुंची भारत से भेजी गई दवाओं की खेप
श्रीलंका में इस समय 270 प्रकार की अहम दवाओं की किल्लत है। इस बीच, भारत की तरफ से भेजी गई 25 टन दवाओं की खेप शुक्रवार को श्रीलंका पहुंची। इसकी कीमत 26 करोड़ रुपये है। कार्यवाहक भारतीय उच्चायुक्त विनोद के. जैकब ने चिकित्सा सामग्री की खेप श्रीलंका के स्वास्थ्य मंत्री केहेलिया रामबुकवेला को सौंप दिया।