बसपा मुखिया मायावती ने मुख्य जोन प्रभारियों के साथ बैठक की जबकि शनिवार को जिलाध्यक्षों के साथ बैठक में उन्होंने सभी को प्रदेश में होने वाले निकाय चुनाव की जिम्मेदारियां भी सौंपी।
लखनऊ । उत्तर प्रदेश में बड़े झटके मिलने के बाद बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती अब पार्टी को ग्राउंड लेवल पर सक्रिय करने में लगी हैं। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बुरी हार के साथ विधान परिषद तथा राज्यसभा में भी सीट गंवाने के बाद बहुजन समाज पार्टी उसी निकाय चुनाव में उतरने जा रही है, जिसकी ओर कभी पार्टी ने ध्यान ही नहीं दिया था। से उसने 2027 से दूर बसपा उत्तर प्रदेश में अब निकाय चुनाव में भी उतरेगी।
निकाय चुनाव को लेकर बहुजन समाज पार्टी ने दो दिन पार्टी के कई पदाधिकारियों की के साथ अहम बैठक की। 27 मई को बसपा मुखिया मायावती ने मुख्य जोन प्रभारियों के साथ बैठक की जबकि शनिवार को जिलाध्यक्षों के साथ बैठक में उन्होंने सभी को प्रदेश में होने वाले निकाय चुनाव की जिम्मेदारियां भी सौंपी।
मायावती को बीते तीन-चार वर्ष में बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है। 2007 में पूर्ण बहुमत के साथ प्रदेश की सत्ता पर काबिज रही बसपा को 2012 में हार का स्वाद चखना पड़ा। इसके बाद से पार्टी को झटके पर झटका लग रहा है। 2017 में भारतीय जनता पार्टी ने सत्ता संभाली तो बसपा का वोट बैंक भी काफी खिसकने लगा। इतना ही नहीं पार्टी के साथ लम्बे समय से जुड़े नेता भी मायावती का साथ छोड़ते चले गए। बसपा की स्थापना के समय से जुड़े नेताओं के साथ छोडऩे के ही कारण विधानसभा चुनाव 2022 में 403 सीट पर लडऩे के बाद भी पार्टी को सिर्फ एक ही सीट पर जीत मिली।
देश तथा प्रदेश की राजनीति में काफी हाथ-पैर मारने के बाद भी जब बसपा को वोट बैंक खिसकता दिखा तो पार्टी की मुखिया मायावती ने ग्राउंड लेवल की पालिटिक्स का रुख किया है। अब बहुजन समाज पार्टी निकाय चुनाव में भी अपने कार्यकर्ता को उतारने के साथ ही महापौर के चुनाव में भी सक्रिय होने जा रही है।