रूस ने बुधवार को यूक्रेन को उन्नत राकेट सिस्टम और युद्ध सामग्री की आपूर्ति करने के अमेरिकी फैसले की तीखी आलोचना की है। रूस के इस रुख से दोनों महाशक्तियों के बीच सीधे टकराव की आशंका गहरा गई है।
मास्को, रायटर्स। रूस ने बुधवार को यूक्रेन को उन्नत राकेट सिस्टम और अत्याधुनिक युद्ध सामग्री की आपूर्ति करने के अमेरिकी फैसले की तीखी आलोचना की है। रूस के इस रुख से दोनों महाशक्तियों के बीच सीधे टकराव की आशंका गहरा गई है। रूसी उप विदेश मंत्री सर्गेई रयाबकोव का कहना है कि यूक्रेन को अमेरिकी सैन्य सहायता ने स्थितियों को और खराब कर दिया है।
लंबी दूरी तक सटीक मार कर सकता है हिमार्स
दरअसल अमेरिका का कहना है कि वह यूक्रेन को लंबी दूरी तक मार करने वाले हथियार हाई मोबिलिटी आर्टिलरी राकेट सिस्टम (HIMARS) देने जा रहा है। हिमार्स (HIMARS) एक मल्टीपल राकेट लान्चर है जो लंबी दूरी के लक्ष्यों पर सटीक निशाना लगा सकता है। अमेरिका ने कहा कि वह इस प्रणाली (HIMARS) को 700 मिलियन डालर के सैन्य सहायता पैकेज में शामिल करेगा।
यूक्रेन के आश्वासन पर अमेरिका ने किया भरोसा
सनद रहे अमेरिका इस हथियार को यूक्रेन को देने से इनकार कर चुका था लेकिन यूक्रेन के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से यह भरोसा दिए जाने पर कि इसका इस्तेमाल रूस में घुसकर लक्ष्यों को तबाह करने में नहीं किया जाएगा… अमेरिका इस प्रणाली (HIMARS) को यूक्रेन को देने के लिए राजी हो गया है।
रूस बोला- आग में घी डाल रहा अमेरिका
वहीं क्रेमलिन के प्रवक्ता ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा कि अमेरिका अब आग में धी डालने का काम कर रहा है। इस बीच अमेरिका के साथ अन्य पश्चिमी मुल्कों ने भी यूक्रेन की रक्षा को मजबूत करने के लिए अत्यधिक उन्नत हथियारों की आपूर्ति करने का भरोसा दिया है। इससे युद्ध में युक्रेन की स्थिति सुदृढ़ होगी। गौर करने वाली बात है कि रूस की बहुत बड़ी और भारी भरकम हथियारों से लैस सेना को रोकने में यूक्रेन की सफलता के पीछे पश्चिमी हथियारों की बेहद महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
खारकीव में यूक्रेनी बीज बैंक पर खतरा
रूस के हमले में यूक्रेन के खारकीव स्थित बीज बैंक को खतरा पैदा हो गया है। बीज बैंक के भूमिगत तहखाने की तिजोरियों में लगभग दो हजार फसलों के लिए जेनेटिक कोड को सुरक्षित रखा गया है। संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन द्वारा स्थापित गैर लाभकारी संगठन क्राप ट्रस्ट ने यह जानकारी दी है। ट्रस्ट का दफ्तर भी खारकीव शहर में ही है और रूसी बमबारी से उसके लिए भी खतरा पैदा हो गया है।