बलियाहल्दी के सोनवानी गांव में सोमवार की रात पिता व दो बेटों की हत्या में पुलिस ने आठ घंटे के भीतर दोपहर में मुख्य आरोपित भोलू सिंह व उसके तीन साथियों मानवेंद्र अमन व संजीत को गिरफ्तार कर लिया। उनकी निशानदेही पर वारदात में प्रयुक्त हथियार बरामद कर लिया गया।
बलिया : हल्दी के सोनवानी गांव में सोमवार की रात पिता व दो बेटों की नृशंस हत्या के बाद दहशत का माहौल कायम है। बुधवार को गांव में पुलिस तैनात कर दी गई। गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है। वहीं पुलिस ने आठ घंटे के भीतर दोपहर में मुख्य आरोपित भोलू सिंह व उसके तीन साथियों मानवेंद्र, अमन व संजीत को गिरफ्तार कर लिया। उनकी निशानदेही पर वारदात में प्रयुक्त हथियार बरामद कर लिया गया। यह सभी गांव में ही मंडरा रहे थे। पुलिस के पहुंचने पर लगी भीड़ में भी शामिल थे। भोलू और संदीप के बीच पैसों के लेनदेन को लेकर विवाद चल रहा था। सोमवार की शाम भोलू संदीप को अपने साथ लेकर कहीं गया था। इस दौरान संदीप के भाई विक्रम व व पिता उमाशंकर सिंह ने उन्हें देखा था। संदीप को मारने के बाद भोलू व उसके साथियों ने भाई विक्रम व पिता उमाशंकर को भी मौत के घाट उतार दिया। पुलिस की जांच में पता चला है कि पूरा घटनाक्रम रात लगभग 11 बजे से तीन बजे के बीच का है।
कटहल व आम तोड़ने के लिए बुलाया
आरोपित भोलू ने संदीप को देर शाम कटहल व आम तोड़ने के लिए बुलाया था। वह संदीप को बुलाने उसके घर पहुंच गया। वहां से दोनों साथ गए। उन्हें जाते हुए संदीप के पिता उमाशंकर व भाई विक्रम ने देखा था जिस कारण आरोपितों ने उनकी भी हत्या कर दी। बाग में पहुंचने पर वहां पहले से छिपे तीन साथियों के साथ भोलू ने संदीप पर हमला कर दिया। उसे मार कर कुएं में फेंक दिया। इसके बाद फोनकर उसके भाई विक्रम को किसी बहाने से बुलाया। उसके पहुंचते ही चाकू से वार कर हत्या कर दी। उसका शव भी कुएं में फेंककर उसमें जलकुंभी डाल दी। इसके बाद सभी संदीप के घर पहुंचे और सो रहे पिता उमाशंकर की जान ले ली। उनका शव रसोई में चौकी के नीचे छिपा दिया।
हर घंटे बदलती रही जांच की दिशा
सनसनीखेज घटनाक्रम में पुलिस की जांच की दिशा हर घंटे बदलती रही। सबसे पहले घर से गायब संदीप पर शक की सुई टिकी लेकिन उसका मोबाइल सबसे पहले बंद हुआ था। ऐसे में असमंजस की स्थिति बन गई। फिर उमाशंकर के बड़े बेटे, जो दिलीप गोरखपुर में रहता उस पर शक गहराने लगा। इसके पीछे वजह थी कि तीन दिन पहले घर में बंटवारे को लेकर उसका पिता व भाईयों से विवाद हुआ था। इसके बाद वह घर से चना गया। इस दिशा में भी ठोस सुराग नहीं मिलने पर पुलिस ने आर्थिक लेनदेन पर ध्यान केंद्रित किया। ऐसे में संदीप व भोलू के बीच पैसों को लेकर विवाद की बात सामने आई।
भोलू ने संदीप से लिए थे एक लाख रुपये
भोलू ने संदीप से एक लाख रुपये उधार लिए थे। संदीप बार-बार पैसे मांग रहा था इसलिए भोलू ने उसकी हत्या कर दी। आरोपितों ने संदीप की हत्या करने के लिए पहले से तैयारी कर रखी थी। पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि चार दिन पहले बाजार से चाकू खरीदकर लाए थे। उमाशंकर की हत्या के बाद आरोपित घर से 2.5 लाख रुपये भी लेकर चले गए थे।
देर रात हुई प्रेस कांफ्रेंस, पहुंचे एडीजी
आरोपितों की गिरफ्तारी के बाद राहत की सांस लेने वाले पुलिस अधिकारी देर रात तक भागदौड़ करते रहे। रात लगभग 11 बजे पुलिस लाइन के सभागार में प्रेस कांफ्रेंस बुलाई गई। इसमें वाराणसी यसे एडीजी राम कुमार भी पहुंचे। उनके साथ एसपी राजकरन नय्यर ने विस्तृत जानकारी दी। चारों आरोपितों को बुधवार को काेर्ट में पेश किया गया। अदालत ने उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में 14 दिन की रिमांड पर जेल भेज दिया।
पुलिस की पांच टीमों ने मामले की जांच में कम समय में परिणाम सामने लाया
पुलिस की पांच टीमों ने मामले की जांच में कम समय में परिणाम सामने लाया। घटना के खुलासे के आठ घंटे के भीतर आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया। उनके पास से चाकू व अन्य सामान बरामद हुए हैं। पैसों के लेनदेन के विवाद में संदीप की हत्या हुई। इसके बाद हमलावरों ने राज छिपाने के लिए उसके भाई व पिता को मार डाला।
— राजकरन नय्यर, पुलिस अधीक्षक।