हाल के दिनों में बाजार में तेजी देखने को मिली है लेकिन इसके बने रहने की गुंजाइश कम है। इसकी कई वजह है। अगले सप्ताह शेयर बाजारों की दिशा आगामी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक पर निर्भर करेगी।
नई दिल्ली, पीटीआइ। इस सप्ताह शेयर बाजारों की दिशा आरबीआइ की मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के नतीजों पर निर्भर करेगी। इसके अलावा वैश्विक रुझान, विदेशी कोषों और कच्चे तेल की कीमतें भी बाजार को प्रभावित करेंगी। हाल के दिनों में बाजार में तेजी देखने को मिली है, लेकिन इसके बने रहने की गुंजाइश कम है। इसकी बड़ी वजह बढ़ती मुद्रास्फीति और भू-राजनीतिक तनाव के बीच वैश्विक रुख को नीतिगत स्तर पर सख्त किया जाना है।
पिछले हफ्ते बीएसई सेंसेक्स 884.57 अंक या 1.61 प्रतिशत चढ़ा था। स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट के रिसर्च हेड संतोष मीणा के मुताबिक आरबीआइ की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में लिए गए फैसले, वैश्विक स्तर पर वृहद आंकड़े और कच्चे तेल की कीमतें इस सप्ताह बाजार की चाल निर्धारित करेंगे। एमपीसी की बैठक में लिए गए फैसलों की घोषणा आठ जून को की जाएगी। रिजर्व बैंक द्वारा नीतिगतदरों में बढ़ोतरी किया जाना तय माना जा रहा है।
औद्योगिक उत्पादन (आइआइपी) के आंकड़े 10 जून को बाजार बंद होने के बाद आएंगे। वैश्विक मोर्चे की बात करें तो गुरुवार को अमेरिका के बेरोजगारी दावों के आंकड़े और शुक्रवार को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआइ) के आंकड़े आने हैं। वैश्विक बाजारों की दृष्टि से ये काफी महत्वपूर्ण होंगे। मीणा के मुताबिक कच्चे तेल में तेजी जारी है और अगर इसकी महंगाई कम नहीं हुई तो बाजार की धारणा को नुकसान पहुंच सकता है। जहां तक विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआइआइ) की बात है तो वे अभी भी बिकवाली मोड में हैं, लेकिन पहले से कुछ गति धीमी हुई है। हालांकि कच्चे तेल की कीमतों में तेजी के कारण रुपये के कमजोर होने पर आगे बिकवाली का जोखिम बरकरार है।
सैमको सिक्योरिटीज की इक्विटी रिसर्च हेड येशा शाह ने कहा कि मुद्रास्फीति एक प्रमुख कारक है, जो इस सप्ताह चर्चाओं का केंद्र बिंदु होगा, क्योंकि एमपीसी में लिए फैसलों के अलावा चीन और अमेरिकी मुद्रास्फीति के आंकड़े भी जारी किए जाएंगे।
10 में से चार कंपनियों का मार्केट कैप संयुक्त रूप से 2.31 लाख
आपको बता दें कि पिछले सप्ताह शेयर बाजार में सूचीबद्ध 10 सबसे ज्यादा मूल्यवान कंपनियों में से चार का मार्केट कैप संयुक्त रूप से 2,31,320.37 करोड़ बढ़ा है। सबसे ज्यादा फायदा रिलायंस इंडस्ट्रीज को हुआ। उसका मार्केट कैप 1,38,222.46 करोड़ बढ़कर 18,80,350.47 करोड़ हो गया। इसके अलावा टीसीएस, इन्फोसिस और आइसीआइसीआइ बैंक का मार्केट कैप भी बढ़ा है। जबकि एचडीएफसी बैंक, एचयूएल, एलआइसी, एसबीआइ, एचडीएफसी और भारती एयरटेल के मार्केट कैप में गिरावट दर्ज की गई है।