कानपुर परेड नई सड़क पर उपद्रव को लेकर पुलिस का संदेह उस समय पुख्ता हो गया जब मंगलवार को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के महासचिव का एक पत्र वायरल हुआ जिसमें बवाल का जिक्र करते हुए पुलिस पर पक्षपातपूर्ण कार्रवाई करने का आरोप लगाया गया है।
कानपुर । परेड नई सड़क पर हुए बवाल में पीएफआइ कनेक्शन को लेकर पुलिस का संदेह मंगलवार को और पुख्ता तब हो गया जब पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के महासचिव अनीस अहमद के नाम वाला लेटर तेजी से वायरल हुआ। अंग्रेजी में लिखे इस लेटर में कानपुर पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए गए हैं और निष्पक्ष जांच की भी मांग की गई है। पुलिस के हाथ लेटर जरूर लगा है लेकिन अभी यह जानकारी नहीं हो सकी है कि लेटर किस इंटरनेट मीडिया पर सबसे पहले किस प्लेटफार्म पर जारी किया गया है। इस पत्र के माध्यम से पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी पीएफआई ने भी कानपुर बवाल में अपनी दखलंदाजी दिखाई है। जागरण डॉट काम इस लेटर की पुष्टि नहीं करता है।
पत्र में लिखी है ये बातें : कानपुर में हिंसा के दौरान और बाद में यूपी पुलिस की कार्रवाई पक्षपातपूर्ण है। विरोध कैसे हिंसक हो गया, इसकी गहन और निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और दोषियों को सजा मिलनी चाहिए । घटना के फुटेज से यह स्पष्ट है कि पुलिस निष्क्रिय रूप से देखती रही, जबकि अपराधियों द्वारा विरोध कर रहे लोगों पर विस्फोटक फेंके जा रहे थे। पुलिस ने लोगों को शांत करने की कोशिश करने वाले मुस्लिम नेताओं के साथ भी मारपीट की। ज्यादातर मुस्लिम युवकों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें से कई का हिंसा से कोई लेना-देना नहीं था।
पीएफआई कनेक्शन को लेकर पुलिस और पुख्ता : कानपुर में बवाल में पीएफआई कनेक्शन का अंदेशा जता रही पुलिस पत्र सामने आने के बाद और पुख्ता हो गई है। बंदी के आह्वान करने वाले जौहर फैंस एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष हयात जफर हाशमी से पीएफआई कनेक्शन का अंदेशा पुलिस पहले ही जता चुकी है। संयुक्त पुलिस आयुक्त आनंद प्रकाश तिवारी ने बताया कि पत्र जारी होने की जानकारी मिली है, जो पीएफआई के महासचिव का बताया जा रहा है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और नियमानुसार कार्रवाई करेगी। उन्होंने कहा कि अबतक की कार्रवाई में पुलिस ने किसी तरह की पक्षपात नहीं किया है, अबतक जो भी कार्रवाई की गई है वह न्याय और विधि सम्मत है।