पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती से कितनी कम होगी महंगाई, यहां जानें

सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल की कीमतों में की गई कटौती से आम लोगों को काफी राहत मिली है। उम्मीद है कि आगामी 3 महीने और आने वाले 1 साल में आम परिवारों को महंगाई की मार 2 फीसद तक कम देखने को मिलेगी।

 

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। केंद्र सरकार ने 21 मई को पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 8 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 6 रुपये प्रति लीटर की कटौती की थी। इसके बाद केरल, राजस्थान और महाराष्ट्र समेत कई राज्यों ने वैट (value added tax) में कटौती की थी। इसका सीधा असर भारतीय परिवारों पर भी पड़ा है। आरबीआई ने कहा कि पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती की घोषणा के बाद किए गए सर्वेक्षण में टैक्स कटौती से पहले किए गए सर्वेक्षण की तुलना में इंफ्लेशन की उम्मीदों में क्रमशः 190 bps और 90 bps की गिरावट देखी गई है।

आरबीआई द्वारा पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती से पहले एक सर्वेक्षण किया गया था, जिसमें आगामी तीन महीने और एक साल की मुद्रास्फीति की उम्मीद 10.8 प्रतिशत और 11.1 प्रतिशत थी। हालांकि, पेट्रोल और डीजल के उत्पाद शुल्क में कटौती के बाद किए गए दूसरे सर्वेक्षण (24-28 मई) में परिवारों की आगामी तीन महीने की उम्मीद और आगामी एक साल की मुद्रास्फीति 8.9 प्रतिशत और 10.1 प्रतिशत की उम्मीद है।

मार्च 2022 सर्वेक्षण की तुलना में मौजूदा अवधि के लिए परिवारों की औसत इंफ्लेशन की उम्मीद में 40 आधार अंक (बीपीएस) की वृद्धि हुई है, जबकि आगामी तीन महीने और एक वर्ष की अवधि के लिए यह क्रमशः 10 बीपीएस और 30 बीपीएस बढ़ी है। यह सर्वेक्षण 2 से 11 मई 2022 के दौरान 19 प्रमुख शहरों में किया गया था, जिसका परिणाम 6,062 शहरी परिवारों की प्रतिक्रियाओं पर आधारित हैं।

आरबीआई ने कहा कि 21 मई 2022 को पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती के मद्देनजर 24-28 मई 2022 के दौरान एक लिमिटेड फॉलो-अप सर्वे (बाद में ‘इक्सटेंशन सर्वे’ कहा गया) आयोजित किया गया था, जिसमें लगभग आधे को कवर किया गया था। इन परिवारों ने नियमित सर्वेक्षण दौर में प्रतिक्रिया दी थी। कुल मिलाकर 3,036 परिवारों ने इक्सटेंशन सर्वे में मुद्रास्फीति (मात्रात्मक) की अपनी संशोधित उम्मीदें दीं। इक्सटेंशन सर्वेक्षण दौर में नियमित दौर की तुलना में तीन महीने और एक वर्ष आगे के लिए मुद्रास्फीति की उम्मीदों में क्रमशः 190 बीपीएस और 90 बीपीएस की गिरावट आई है।

मौद्रिक नीति स्टेटमेंट में शक्तिकांत दास ने यह भी कहा कि बिक्री कीमतों के लिए इनपुट लागत के उच्च पास-थ्रू के संकेत बढ़ रहे हैं। मौद्रिक नीति समिति ने नोट किया कि 2022-23 की पहली तीन तिमाहियों के दौरान मुद्रास्फीति 6 प्रतिशत के ऊपर रहने की संभावना है।

भारत में खुदरा मुद्रास्फीति अप्रैल में आठ साल के उच्च स्तर 7.79 प्रतिशत पर थी। आरबीआई ने 2022-23 के लिए अपने मुद्रास्फीति पूर्वानुमान को संशोधित कर 6.7 प्रतिशत कर दिया है, जबकि पहले अनुमानित 5.7 प्रतिशत था।

 

आरबीआई उपभोक्ता विश्वास सर्वेक्षण 

आरबीआई ने कहा कि जुलाई 2021 से उपभोक्ता विश्वास में लगातार सुधार हो रहा है। सर्वेक्षण के नवीनतम दौर में रोजगार और घरेलू आय जैसे प्रमुख मापदंडों पर भावनाओं में और सुधार हुआ है। परिवारों ने अपने मौजूदा खर्च में वृद्धि का आकलन किया और अगले एक साल में इसके और बढ़ने की उम्मीद की। आरबीआई ने सर्वेक्षण में कहा कि उन्हें उच्च आवश्यक खर्च की उम्मीद थी, जबकि गैर-जरूरी खर्च पर धारणा कमजोर रही है।

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