योजना के अनुसार केंद्र व प्रदेश सरकार की योजनाओं के लाभार्थियों को साधकर बूथ मजबूत बनाए जाएंगे। इसके लिए लाभार्थियों से नियमित संपर्क व संवाद किया जाएगा। अब तक योजनाओं वंचित परि
भाजपा ने लोकसभा चुनाव 2024 में मिशन 75 को पूरा करने के लिए पार्टी के लोकसभा व राज्यसभा सदस्यों को सौ-सौ बूथ को मजबूत बनाने की जिम्मेदारी सौंपी है। केंद्र व प्रदेश सरकार की योजनाओं के लाभार्थियों को साधकर बूथ मजबूत बनाए जाएंगे। इसके लिए लाभार्थियों से नियमित संपर्क व संवाद किया जाएगा। अब तक योजनाओं वंचित परिवारों को लाभांवित कराने का अभियान भी चलेगा।
भाजपा प्रदेश मुख्यालय में शुक्रवार को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह की अध्यक्षता में आयोजित सांसदों की बूथ सशक्तीकरण कार्यशाला में बूथ मजबूत करने का मंत्र दिया गया। पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व बूथ सशक्तीकरण अभियान के प्रभारी बैजयंत पांडा ने बताया कि 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को 1.63 लाख बूथों में से करीब 1.25 लाख पर जीत मिली थी। पार्टी ने बूथवार परिणाम के आधार पर बूथों को ए, बी और सी श्रेणी में बांटा है। उन्होंने कहा कि एक लोकसभा क्षेत्र में 4-5 विधानसभा क्षेत्र है। प्रत्येक सांसद को उनके संसदीय क्षेत्र के हर विधानसभा क्षेत्र में 25-25 कमजोर बूथों पर लगातार प्रवास करना होगा। इसमें स्थानीय कार्यकर्ताओं, बूथ कमेटी व विधायकों भी उनकी मदद करेंगे।
प्रत्येक सांसद को पहले चरण में सौ-सौ बूथों पर प्रवास, संपर्क और संवाद कर बूथ के कमजोर होने के कारणों का पता लगाकर उनका समाधान करना है। इसके अतिरिक्त बूथ के क्षेत्र में स्थित केंद्र व प्रदेश सरकार की योजनाओं के लाभार्थियों से संपर्क कर उन्हें पार्टी से जोड़ना है। उन्होंने कहा कि कमजोर बूथों को मजबूत बनाकर जीत की राह पहले से अधिक आसान की जा सकती है। उन्होंने कहा कि 18 जुलाई से संसद का मानसून सत्र शुरू हो सकता है। ऐसे में सांसदों को बूथ सशक्तीकरण का पहला चरण उससे पहले पूरा करना होगा।
हारी हुई 16 सीटों पर बनेगी रणनीति
भाजपा को लोकसभा चुनाव 2019 में 80 में से 64 सीट पर जीत मिली थी। जबकि बसपा को दस, सपा को पांच और कांग्रेस को एक। बसपा के लगातार कमजोर होने की स्थिति अब भाजपा ने बसपा के कब्जे वाली दस सीटों के लिए अलग से रणनीति बनाना शुरू किया है। वहीं अमेठी के बाद अब रायबरेली को भी कांग्रेस के हाथ से छीनने की योजना है। सपा के कब्जे वाली पांच सीटों पर भी भाजपा नए सिरे से काम शुरू करेगी।
बैठक में शामिल नहीं हुईं मेनका समेत दर्जन भर सांसद
लोकसभा चुनाव 2024 के तहत भाजपा सांसदों की बूथ सशक्तीकरण कार्यशाला में करीब दर्जन भर सांसद शामिल नहीं हुए। इनमें केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, संजीव बालियान, पंकज चौधरी, मेनका गांधी, वरुण गांधी, कैसरगंज सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह, विनोद सोनकर शामिल हैं। जबकि पार्टी के सभी लोकसभा व राज्यसभा सदस्यों को आमंत्रित किया गया था।
उधर, विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा छोड़कर सपा में शामिल हुए पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य की सांसद बेटी संघमित्रा मौर्य की कार्यशाला में उपस्थिति चर्चा का विषय रही। बैठक में केंद्रीय मंत्री महेंद्रनाथ पांडेय, एसपी सिंह बघेल, साध्वी निरंजन ज्योति, कौशल किशोर, बीएल वर्मा सहित अन्य मंत्री शामिल हुए। इनके अलावा पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रेखा वर्मा, राष्ट्रीय मंत्री हरीश द्विवेदी और किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजकुमार चाहर भी बैठक में मौजूद रहे।