मुख्यमंत्री योगी ने बाढ़ से निपटने की तैयारियों को लेकर जिलाधिकारियों संग की बैठक, दिए निर्देश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए अफसरों संग बैठक की और तैयारियों की समीक्षा की।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को अपने सरकारी आवास पर प्रदेश में बाढ़ नियंत्रण और जल भराव की समस्या के समाधान के लिए अधिकारियों के साथ बैठक की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जैसे राज्य स्तर पर एएसडीएमए, एनडीआरएफएचक्यू और एसडीआरएफ की तीन यूनिट काम कर रही हैं। इसी तरह प्रत्येक जिले में जिला आपदा प्रबंधन योजना तैयार करके उसके प्रशिक्षण के कार्यक्रम को भी आगे बढ़ाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि बाढ़ या किसी अन्य आपदा की स्थिति में प्रशिक्षित मैनपावर हर जनपद में होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि किसी भी आपदा से पूरी तरह बचाव हेतु जनपद अपने स्तर पर स्वावलम्बी कैसे बने। इस पर हमारा फोकस होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि किसी भी ग्राम पंचायत, नगर निकाय, वार्ड या मोहल्ला में जल-जमाव नहीं होना चाहिए। हर एक स्तर पर इसकी जवाबदेही सुनिश्चित कराएं। नाला-नाली, ड्रेनेज इत्यादि की सफाई समय से आगे बढ़नी चाहिए।

मानसून की पहली बारिश प्रदेश के कई जनपदों में हुई है। उन्होंने उम्मीद जताई कि संभावित परिस्थितियों को देखते हुए अधिकारियों ने उससे निपटने के लिए आवश्यक तैयारी भी कर ली होगी।

मानसून से होने वाले नुकसान से पहले ही सतर्क हुआ उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश सरकार का राहत आयुक्त कार्यालय हर जरूरतमंद नागरिक की सेवा में मुस्तैद है। अपने राहत कार्यों के तहत लोगों की हर तरह की परेशानियों को दूर करने का जिम्मा यह कार्यालय बखूबी निभा रहा है। देश के सोशल माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म, कू ऐप पर अपने आधिकारिक हैंडल ‘राहत यूपी’ के माध्यम से इस विभाग ने इसके द्वारा उठाए गए कदमों की कई जानकारियां जनता के साथ साझा की हैं।

राहत आयुक्त द्वारा की जा रही यह पहल मानसून पर आधारित है। इसके तहत बाढ़ की गर्त में आने वाले इलाकों का समय से पहले निरीक्षण और विश्लेषण तेजी से किया जा रहा है, जिसका स्पष्ट उद्देश्य भविष्य में आने वाली किसी भी प्रकार की विपदा से आड़े हाथों निपटना है और साथ ही बाढ़ या भूकंप के दौरान होने वाले असहनीय नुकसान से लोगों को बचाना है।

मुजफ्फरनगर अपर जिलाधिकारी वि.रा. की अध्यक्षता में 25 जून को बाढ़ से पूर्व तैयारी हेतु राज्य स्तरीय मॉक एक्सरसाइज पर एक बैठक की गई, जिसमे मॉक ड्रिल हेतु समीक्षा की गई। लखीमपुर खीरी के तहसीलदार धौरहरा, क्षेत्रीय लेखपाल द्वारा 27 जून को बाढ़ प्रभावित ग्राम स्वर्गलोक, मजरा, रामलोक का निरीक्षण किया गया एवं स्थानीय लोगों से बाढ़ पूर्व तैयारियों के संबंध में चर्चा की गई।

कलेक्ट्रेट लखीमपुर खीरी में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में 27 जून को बाढ़ की दशा में समुचित तैयारियों के संबंध में पूर्व में आहूत समीक्षा हेतु बैठक की गई। बैठक में मुख्य रूप से माननीय विधायक धौरहरा तथा अन्य जनपद स्तरीय अधिकारीगण उपस्थित रहे।

यूपी के राहत आयुक्त द्वारा 28 जून को एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना और वायु सेना के साथ बाढ़ समन्वय बैठक सम्पन्न हुई।

राहत आयुक्त ने अपने आधिकारिक कू हैंडल के माध्यम से सांप के काटने के दौरान अपनाए जाने वाले तुरंत उपाय और उपचार के बारे में भी कई पोस्ट्स साझा किए हैं। बारिश के दौरान बीमार होने से कैसे बचें? नाव में यात्रा करने के दौरान किन बातों का ध्यान रखा जाना चाहिए? जैसी कई अहम बातों पर विभाग ने ज़ोर डालते हुए उपायों को लेकर जानकारी दी है और हेल्पलाइन नंबर भी साझा किया गया है।

राहत आयुक्त का कार्यालय उत्तर प्रदेश राज्य में प्राकृतिक और मानव प्रेरित दोनों आपदाओं के मामले में प्रभावी प्रबंधन, प्रतिक्रिया और राहत, पुनर्वास और पुनर्निर्माण के लिए नोडल है। राहत आयुक्त का कार्यालय आपदा प्रबंधन के संबंध में कानून और नीति बनाने के लिए भी जिम्मेदार है। यह संबंधित विभागों की विकास योजनाओं में आपदा जोखिम में कमी को मुख्य धारा में लाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के साथ राहत आयुक्त का कार्यालय आपदा प्रबंधन के लिए एक समग्र, सक्रिय, बहु-आपदा और प्रौद्योगिकी संचालित रणनीति विकसित करके एक सुरक्षित और आपदा के वक्त सक्षम उत्तर प्रदेश बनाने के लिए जिम्मेदार है।

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