शिव आराधना को समर्पित सावन के पहले सोमवार पर लखनऊ समेत प्रदेश के सभी मंदिरों में दर्शन पूजन जलाभिषेक और रुद्राभिषेक के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ी। हर-हर महादेव की गूंज के बीच दर्शन पूजन का क्रम शुरू हुआ।
लखनऊ । शिव आराधना को समर्पित सावन के पहले सोमवार पर लखनऊ समेत प्रदेश के सभी मंदिरों में दर्शन, पूजन, जलाभिषेक और रुद्राभिषेक के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ी। हर-हर महादेव की गूंज के बीच दर्शन पूजन का क्रम शुरू हुआ। सावन के पहले सोमवार के लिए शिव मंदिरा में विशेष तैयारियां भी की गई थीं। शहर के शिव मंदिरों में महादेव का अलग-अलग श्रृंगार भोर से ही शुरू हो गया।
गोंडा : भगवान शिव को प्रिय सावन मास के पहले सोमवार को जिले के विभिन्न शिवालय व मंदिरों में शिव भक्तों ने पूजन-अर्चन किया। भोर से ही मंदिरों में भीड़ उमड़नी शुरू हो गई है। हर-हर महादेव, बम-बम भोले के जयघोष की शिवालयों में गूंज है। दो साल तक कोरोना के कारण लोग ठीक से मंदिरों में सावन माह में पूजा-पाठ नहीं कर सके लेकिन, इस बार कोरोना का प्रभाव ज्यादा नहीं है। शहर के दु:खहरणनाथ मंदिर में भक्तों ने धूप, दीप, फल-फूल पुष्प अर्पित कर भगवान शिव का पूजन किया।
पृथ्वीनाथ मंदिर में हजारों शिवभक्तों ने जलाभिषेक व पूजन-अर्चन किया। पांडव पुत्र भीम द्वारा स्थापित प्रसिद्ध पृथ्वीनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं ने जल, दूध के साथ ही विभिन्न प्रकार के पुष्प बेलपत्र से अभिषेक किया और मनोकामना पूरी करने की अरदास की। वजीरगंज के बाल्हाराई स्थित बालेश्वरनाथ मंदिर में भी सुबह से ही शिवभक्तों की कतारें लगना शुरू हो गई है। हर कोई भगवान शिव का जलाभिषेक करने के लिए बेताब दिखा। मंदिर परिसर में सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त किए गए हैं। अन्य मंदिरों पर भी श्रद्धालुओं की भीड़ है।
सुरक्षा के कड़े प्रबंध : सावन के पहले सोमवार को देखते हुए शिव मंदिरों पर सुरक्षा के बंदोबस्त किए गए हैं। सीओ स्तर के अधिकारियों को पर्यवेक्षण की जिम्मेदारी दी गई है। गुरुनानक चौक से यातायात में बदलाव किया गया है।
लखीमपुर : छाटी काशी कहे जाने वाले लखीमपुर जिले में सावन के पहले सोमवार को शिव मंदिरों में भक्तों की कतार भोर से जुट गई। शहर के प्राचीन शिव मंदिराें में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चन किया।
अयोध्या : राम नगरी में भोले की बम-बम हुई। सुबह से ही श्रद्धालु शिव मंदिरों की ओर उन्मुख हुए। इससे पूर्व उन्होंने पुण्य सलिला सरयू में स्नान किया। श्रद्धालुओं में जितने स्थानीय थे, उससे कई गुना अधिक बाहरी। इसमें आम शिव भक्त तो थे ही, दूर-दराज तक की पवित्र नदियों का जल लेकर अयोध्या के मंदिरों में स्थापित भोले बाबा का अभिषेक करने के लिए कांवड़ लेकर आने वाले श्रद्धालु भी प्रचुर संख्या में थे। आस्था के केंद्र में सरयू तट स्थित भोले बाबा की पौराणिक महत्व की पीठ नागेश्वरनाथ थी।
यहां तड़के तीन बजे से ही श्रद्धालु उमड़े। छोटी सी जगह हजारों श्रद्धालुओं को समायोजित करने के लिए प्रशासन एवं पुलिस के अधिकारियों को एड़ी-चोटी का जोर लगाना पड़ा। नागेश्वरनाथ पर तड़के से शुरू हुआ श्रद्धालुओं का दबाव दोपहर तक चलता रहा। श्रावण शुक्ल तृतीया यानी 31 जुलाई से सावन से जुड़ी आस्था की हिलोर में शिव भक्ति के साथ राम भक्ति का भी रंग समाहित होगा। इस दिन शोभा यात्राओं के भ्रमण से रामनगरी में झूलन उत्सव का आरंभ होगा। यह उत्सव सावन पूर्णिमा तक चलेगा।
अंबेडकरनगर : भोर से ही शिवालयों में जलाभिषेक करने के लिए लंबी लंबी कतारें देखी जा रही हैं। हर हर महादेव के जयकारों से मंदिर परिसर गुंजायमान हाे रहा है। दो साल बाद कोरोना की बाधा पार कर उत्साह के साथ जिला मुख्यालय समेत ग्रामीणांचल के शिवालयों व शिव मंदिरों पर जलाभिषेक किया जा रहा है। जिले के अलावा अयोध्या, सुलतानपुर के लोग भी भारी संख्या में यहां पहुंचे हैं। कांवड़ियों समेत अन्य श्रद्धालुओं के लिए 80 शिवलिंग जलाभिषेक के लिए चिह्नित किए गए हैं। शाम होते ही शिवालयों में भजन कीर्तन और आरती का आयोजन किया जाएगा। शिवबाबा के पुजारी ओम प्रकाश गोस्वामी ने बताया कि आज प्रथम सोमवार से बहुत लोग पूजन दर्शन को यहां आए हैं।
सीतापुर : भोले बाबा के भक्तों ने मंदिरों, शिवालयों में पहुंच कर देवाधिदेव महादेव का पूजन अर्चन किया। शहर के श्यामनाथ, जंगलीनाथ, गौरी शंकर मंदिर, दूधनाथ मंदिर में भक्त पहुंचे और भोले बाबा का गंगाजल, दूध, शहद, बेलपत्र, पुष्प, भांग, धतूरा से अभिषेक किया। भोले बाबा का फल मिष्ठान आदि चढ़ाकर भोग लगाया। नैमिषारण्य के देवदेवेश्वर, रुद्रावर्त, भूतनाथ, ललितेश्वर महादेव मंदिर में विशेष पूजन अर्चन हुआ। बिसवां के ऐतिहासिक पत्थर का शिवाला, मिश्रित के शेषनाथ मंदिर, रामकोट के रामेश्वरम मंदिर सहित जिले भर के सभी शिवालयों में पूजन अर्चन कार्यक्रम चलता रहा।
गाजेबाजे के साथ निकली कांवड़ यात्रा : सावन का पहला सोमवार होने के नाते कावंड़ियों में गजब उत्साह नजर आया। रात भर कांवड़ियों के जत्थे श्याम नाथ, गोला गोकर्णनाथ के लिए रवाना होते रहे। कांवड़िया शिव भजनों की धुनों पर नाचते गाते शिवालय के लिए जा रहे थे। रात भर चलने वाले कांवड़ियों को शिव भक्तों ने जगह-जगह भंडारा लगा कर शरबत, चाय, तहरी आदि का वितरण किया।
सुलतानपुर : क्षेत्र के प्रसिद्ध बाबा जनवारी नाथ धाम में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। श्रद्धालुओं में महिलाओं की तादाद से अधिक रही। लोगों ने खुले में आसमान के नीचे मौजूद स्वतः स्फूर्त शिवलिंग पर जलाभिषेक करके पूजन अर्चन किया। इसके बाद भंडारे में प्रसाद छका। भोर में करीब चार बजे से ही श्रद्धालुओं का आवागमन सैतापुर सराय गांव स्थित बाबा जनवारी नाथ धाम परिसर में शुरू हो गया था। भक्तों ने शिवलिंग पर दूध, जल, शहद व गंगाजल से अभिषेक प्रारंभ किया।
बहराइच : सावन के पहले सोमवार को श्री सिद्ध नाथ महादेव मंदिर समेत जिले के अन्य शिवालयों में भोर से ही शिव भक्तों की जलाभिषेक के लिए कतार लग गई। हर हर महादेव, बम बम बोले के जयकारों से शिवालय गूंज उठे। श्रद्धालु महादेव की आराधना भांग, धतूरा, दूध, धूप, पुष्प अर्पित कर की। मटेरा के जंगलीनाथ, नवाबगंज के मंगलीनाथ, बौंडी के सागरनाथ में भक्तों ने जलाभिषेक किया। पुलिस अधीक्षक केशव कुमार चौधरी ने बताया कि सावन के पहले सोमवार को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए गए हैं। मंदिरों के आसपास सुरक्षा कर्मी तैनात हैं।