एसटीएफ ने लखनऊ में आरोपित को उसके दो साथियों के साथ दारूलशफा तिराहे से गिरफ्तार किया। सीओ एसटीएफ दीपक कुमार सिंह ने बताया कि सचिवालय में नौकरी दिलाने के नाम पर फर्जीवाड़ा की शिकायत मिली थी। पड़ताल में विजय मंडल की संलिप्तता उजागर हुई।
लखनऊ, स्पेशल टास्क फोर्स एसटीएफ ने नौकरी दिलाने के नाम पर करोड़ों की ठगी करने के आरोप में सचिवालय के निजी सचिव विजय कुमार मंडल को उसके दो साथियों समेत गिरफ्तार किया है। आरोपित के एक साथी धर्मवीर सिंह पर हरदोई में पहले से फर्जीवाड़े की एफआइआर दर्ज है और वह 10 हजार का इनामी है।
विजय नटखेड़ा आलमबाग जबकि धर्मवीर गुडंबा और तीसरा आरोपित आकाश कुमार स्वरूप नगर, नार्थ वेस्ट दिल्ली का रहने वाला है। आरोपितों के पास से छह मोबाइल फोन, सहायक समीक्षा अधिकारी, सचिवालय का फर्जी आइडी कार्ड, आठ जाली नियुक्ति पत्र, 22 लोगों के मूल शैक्षिक प्रमाण पत्र व अन्य दस्तावेज बरामद किए गए हैं।
सीओ एसटीएफ दीपक कुमार सिंह ने बताया कि दारूलशफा तिराहे से तीनों को गिरफ्तार किया गया। सचिवालय में नौकरी दिलाने के नाम पर फर्जीवाड़ा की शिकायत मिली थी। पड़ताल में विजय मंडल की संलिप्तता उजागर हुई। पूछताछ में विजय ने बताया कि बंदरियाबाग में उसकी मुलाकात धर्मवीर सिंह से हुई थी।
धर्मवीर ने कहा था कि वह कुछ लड़कों को लेकर आएगा, जिनका साक्षात्कार लेना होगा। इसके एवज में जो रुपये मिलेंगे, उसे आपस में बांट लेंगे। विजय पर 40 लाख का कर्ज था और वह लालच में आ गया। इसके बाद अपने आफिस में बेरोजगार युवकों का नौकरी दिलाने का झांसा देकर साक्षात्कार लेने लगा। आरोपित युवकों से उनके मूल शैक्षिक प्रमाण पत्र ले लेते थे, जिससे अभ्यर्थी कहीं शिकायत न कर सकें।
विजय ने धर्मवीर को नियुक्ति पत्र का फार्मेट दे दिया था। साक्षात्कार के बाद धर्मवीर ने अपने साथी आकाश से प्रिंट कराया और विजय को फर्जी नियुक्ति पत्र दे दिया। विजय ने उसे रजिस्ट्री के जरिए अभ्यर्थियों के घर भेज दिया। नियुक्ति पत्र लेकर जब अभ्यर्थी सचिवालय पहुंचे तो उन्हें फर्जीवाड़े की जानकारी हुई।
विजय ने धर्मवीर और आकाश का सचिवालय में सहायक समीक्षा अधिकारी का आइडी कार्ड भी बनवा दिया था, जिससे युवक उनके झांसे में आ जाते थे। पूछताछ में धर्मवीर ने बताया कि अपनी पहचान छुपाने के लिए वह अपना नाम अजय सिंह बताता था। अजय सिंह के नाम से उसने फर्जी आधार कार्ड व ड्राइविंग लाइसेंस भी बनवा लिया था। आरोपित पर हरदोई में थाना कोतवाली देहात में एक एफआइआर दर्ज है, जिसमें उसके खिलाफ वारंट भी जारी हो चुका है।