उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बुधवार को दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से आत्मीय भेंट कर उत्तर प्रदेश से संबंधित महत्वपूर्ण राजनीतिक विषयों पर चर्चा कर आशीर्वाद प्राप्त किया।
लखनऊ, उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के नए अध्यक्ष की घोषणा जल्द ही होने वाली है। ज्यों-ज्यों दिन बीतते जा रहे हैं, वैसे-वैसे नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर अटकलों का बाजार भी गर्म होता जा रहा है। बुधवार को जब यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने नई दिल्ली में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की तो इस पर भी राजनीतिक गलियारों में कयासबाजी फिर शुरू हो गई है।
दरअसल, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य बुधवार को दिल्ली गए हैं। वहां उन्होंने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने इस मुलाकात की तस्वीरें शेयर की हैं। तस्वीरों के साथ उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि ‘विश्व की सबसे बड़ी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से आत्मीय भेंट कर उत्तर प्रदेश से संबंधित महत्वपूर्ण राजनीतिक विषयों पर चर्चा कर मार्गदर्शन और आशीर्वाद प्राप्त किया।’
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के बीच करीब एक घंटे तक चर्चा हुई। बताया जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच कई मुद्दों पर बात हुई है। हालांकि नए प्रदेश अध्यक्ष पर की घोषणा से पहले यह मुलाकात अहम मानी जा रही है।
यूपी में प्रदेश महामंत्री संगठन के रूप में धर्मपाल सिंह की नियुक्ति के बाद चर्चा तेज हो गई है कि अब जल्द ही नए प्रदेश अध्यक्ष को भी नियुक्त किया जाएगा। भाजपा ने लोकसभा चुनाव में कुल 80 में से 75 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए कार्यक्रम और अभियानों की रूपरेखा पहले ही तय हो चुकी है, लेकिन जमीनी स्तर पर इन्हें उतारकर मिशन-2024 में जुटने के लिए नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति की प्रतीक्षा है।
वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह का कार्यकाल पूरा हो चुका है। चूंकि, वह योगी सरकार में जलशक्ति मंत्री बनाए जा चुके हैं और पार्टी में एक व्यक्ति, एक पद का सिद्धांत है, इसलिए स्वतंत्रदेव के स्थान पर नया अध्यक्ष बनाया जाना तय है।
बता दें कि पिछले सप्ताह विधान परिषद में नेता के पद से स्वतंत्रदेव सिंह को हटाते हुए उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को उच्च सदन की कमान सौंपी गई है। इससे पिछड़े वर्ग के नेता मौर्य का कद बढ़ाए जाने का तो स्पष्ट संदेश है, लेकिन प्रदेश अध्यक्ष के बाद इस पद से स्वतंत्रदेव के त्याग-पत्र ने अटकलों का बाजार भी गर्मा दिया है।