कांग्रेस ने दिल्ली आबकारी नीति मामले में एफआइआर दर्ज करने के बाद दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के आवास पर सीबीआइ की ओर से की गई छापेमारी को सही बताया है।
नई दिल्ली, एजेंसी। सीबीआई ने दिल्ली आबकारी नीति मामले में एफआइआर दर्ज करने के बाद दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के आवास पर शुक्रवार को छापेमारी की। सीबीआई ने दिल्ली आबकारी नीति 2021-2022 के क्रियान्वयन में कथित अनियमितताओं के संबंध में 20 अन्य जगहों पर भी छापेमारी की। इसे लेकर आम आदमी पार्टी केंद्र सरकार पर हमलावर है तो विपक्षी कांग्रेस खुश नजर आ रही है।
कांग्रेस जो राजनीतिक विरोधियों के दमन के लिए केंद्र सरकार पर एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाती रही है, दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के आवास पर सीबीआई की छापेमारी को जायज ठहरा रही है। कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसियों के गलत इस्तेमाल के कारण ही ऐसी स्थिति बन गई है कि यदि एजेंसी सही काम करती है तो भी ‘भ्रष्ट लोग’ दुरुपयोग की दुहाई देकर बच निकलते हैं।
समाचार एजेंसी आइएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस के मीडिया एवं प्रचार प्रमुख पवन खेड़ा (Pawan Khera) ने ट्वीट कर कहा कि एजेंसियों के निरंतर दुरुपयोग का एक बड़ा नुकसान यह भी है कि जब वह सही काम भी करे तब भी उसके कदम को संदेह की नजर से देखा जाता है। यही कारण है कि भ्रष्ट लोग केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग की दुहाई देकर बच निकलते हैं। यही नहीं जो लोग ईमानदारी से जनता के मुद्दों को उठाते हैं, वो दुरुपयोग का शिकार होते रहते हैं।
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने भी ट्वीट कर आम आदमी पार्टी पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सिसोदिया से इस्तीफा लेना चाहिए। सीबीआई ने अरविंद केजरीवाल के एक और भ्रष्ट मंत्री के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर छापा मारा है। कांग्रेस ने दिल्ली को नशे की राजधानी बनने से रोकने की लड़ाई लड़ी। जनता केजरीवाल से पूछ रही है पंजाब के शराब माफिया के हाथों युवा पीढ़ी के भविष्य का सौदा क्यों किया…?
वहीं कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने भी आम आदमी पार्टी पर करारा हमला बोला। उन्होंने कहा- मुझे विश्वास है कि यदि इस केस में निष्ठा के साथ रेड पड़ती है और मामला चलता है तो आम आदमी पार्टी की कैबिनेट, उसका मुख्यमंत्री, उसका राष्ट्रीय अध्यक्ष कोई भी शायद ऐसा नहीं होगा जो जेल जाने से बच पाएगा। दिल्ली सरकार में पिछले 7 से 8 साल से जो हो रहा था, उसमें आश्चर्य ये है कि अब तक रेड क्यों नहीं पड़ी? आबकारी नीति, स्कूल बनाने में धांधली, शिक्षक भर्ती घोटाला, सिविल डिफेंस भर्ती घोटाला जिसमें भी आप देखेंगे तो उसमे एक नहीं 10-10 छापे पड़ने चाहिए।