विदेशी निवेशकों का भारतीय बाजारों के प्रति भरोसा लगातार बढ़ रहा है। आने वाले दिनों में कैसा रहेगा विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों प्रवाह जानते हैं बाजार के जानकारों की जुबानी…
नई दिल्ली, एजेंसी। अमेरिका में महंगाई कम होने और डॉलर सूचकांक में गिरावट के बीच विदेशी निवेशकों का भारतीय बाजारों के प्रति भरोसा बढ़ा है। विदेशी निवेशकों ने अगस्त महीने में भी भारतीय शेयर बाजारों के लिए जबरदस्त उत्साह दिखाया है। समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (Foreign Portfolio Investors, FPIs) ने अगस्त में अब तक करीब 44,500 करोड़ रुपये का निवेश किया है। पिछले महीने में भी विदेशी निवेशकों का भारतीय बाजारों के प्रति रूझान देखा गया था।
जुलाई में भी बेहतर रहा है निवेश डिपॉजिटरी के आंकड़ों के हवाले से पीटीआइ ने बताया है कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने जुलाई माह में लगभग 5,000 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया था। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों यानी एफपीआई ने लगातार नौ महीनों तक बड़े पैमाने पर बिकवाली की थी। जुलाई में वे पहली बार शुद्ध खरीदार बने थे। इससे पहले अक्टूबर 2021 से जून 2022 के बीच विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों भारतीय इक्विटी बाजारों में 2.46 लाख करोड़ रुपये की भारी बिकवाली की थी।
आने वाले दिनों में कैसा रहेगा एफपीआई प्रवाह का रुख जानते हैं बाजार के जानकारों की जुबानी। कोटक सिक्योरिटीज के प्रमुख (इक्विटी शोध, खुदरा) श्रीकांत चौहान कहते हैं कि आने वाले महीनों में एफपीआई प्रवाह में उतार चढ़ाव देखा जाएगा। हालांकि बढ़ती महंगाई, मौद्रिक नीति में सख्ती और तिमाही नतीजों को लेकर चिंताएं कम होने से उभरते बाजारों में आवक बेहतर होने की उम्मीद की जा सकती है।
डॉलर की चाल पर निर्भर करेगा पूंजी का प्रवाहजियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार का कहना है कि पूंजी प्रवाह मुख्य रूप से डॉलर की चाल पर निर्भर करेगा। डिपॉजिटरी के आंकड़े बताते हैं कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों यानी एफपीआई ने 1 से 19 अगस्त के दौरान भारतीय इक्विटी में शुद्ध रूप से 44,481 करोड़ रुपये का निवेश किया है। मौजूदा वित्त वर्ष में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों का अब तक का यह सबसे अधिक निवेश है।
इसलिए बढ़ी भारतीय बाजार में दलचस्पीमॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट डायरेक्टर मैनेजर रिसर्च हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि भारतीय बाजारों के प्रति रूझान बतलाते हैं कि अमेरिकी बाजार में मंदी के आने की उम्मीद नहीं है। महंगाई ऊंचे स्तर पर बरकरार है, लेकिन यह उम्मीद से कम बढ़ी है, जिससे भारतीय बाजार के प्रति धारणा बदली है। इन सकारात्मक धारणाओं ने विदेशी निवेशकों को जोखिम लेने और भारतीय इक्विटी बाजारों में निवेश करने के लिए प्रेरित किया है।