सीएम योगी आदित्यनाथ के शिक्षा सलाहकार नामित हुए यूजीसी के पूर्व चेयरमैन प्रो. धीरेन्द्र पाल सिंह

कुलपति के रूप में प्रोफेसर धीरेन्द्र पाल सिंह ने तीन विश्वविद्यालयों में कार्यभार संभाला। जिसमें बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) वाराणसी डॉ एच एस गौर विश्वविद्यालय सागर और देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर हैं।

 

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश में अपने दूसरे कार्यकाल में सलाहकार की सूची भी मजबूत करते जा रहे हैं। बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी सहित तीन वश्वविद्यालयों कुलपति रह चुके यूजीसी के पूर्व चेयरमैन प्रोफेसर धीरेन्द्र पाल सिंह को सीएम योगी आदित्यनाथ का शिक्षा सलाहकार नामित किया गया है।

प्रोफेसर धीरेन्द्र पाल सिंह राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के कार्यान्वयन समित के पदेन सदस्य भी रह थे। इसके साथ ही उनको शिक्षा के क्षेत्र में अहम योगदान के लिए कई राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

सीएम योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश की साक्षरता दर को ऊंचा उठाने के प्रयास में लगे हैं। इसी क्रम में वह प्राइमरी, बेसिक तथा माध्यमिक शिक्षा विभाग के साथ अब उच्च शिक्षा विभाग का कलेवर भी बदलना चाहते हैं। उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को नई ऊंचाई पर पहुंचाने के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है।

उत्तर प्रदेश शासन की ओर से प्रख्यात शिक्षाविद प्रो धीरेन्द्र पाल सिंह को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का शिक्षा सलाहकार नामित किया गया है। इस बाबत नियोजन विभाग के सचिव आलोक कुमार की ओर से इस पत्र जारी कर दिया गया है। प्रोफेसर डीपी सिंह 2018 से 2021 तक विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के चेयरमैन रह चुके हैं। लगभग चार दशक के करियर में उन्होंने भारतीय उच्च शिक्षा में कई अकादमिक संस्थाओं का नेतृत्व किया।

कुलपति के रूप में प्रोफेसर सिंह ने तीन विश्वविद्यालयों में कार्यभार संभाला। जिसमें बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू), वाराणसी, डॉ एच एस गौर विश्वविद्यालय, सागर और देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर हैं। इनके अलावा उन्होंने राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (नैक) का निदेशक के रूप में नेतृत्व किया है।

प्रो. सिंह ने केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड (सीएबीसी), भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आइसीसीआर), यूनेस्को के साथ सहयोग के लिए भारतीय राष्ट्रीय आयोग, (आरयूएसए) तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की कार्यान्वयन समिति आदि के पदेन सदस्य के रूप में योगदान दिया है। इसके अलावा अध्यक्ष के रूप में, यूजीसी के शासी परिषदों के अध्यक्ष के रूप में 8 अंतर-विश्वविद्यालय केंद्रों का मार्गदर्शन भी किया।

 

प्रो. डीपी सिंह को अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों और परियोजनाओं का भी गहरा अनुभव है। इनको पर्यावरण नेतृत्व पुरस्कार, दशक के पर्यावरणविद् (पूर्वांचल) पुरस्कार, भारत ज्योति पुरस्कार, यूपी रत्न पुरस्कार, आगरा विश्वविद्यालय गौरव श्री पुरस्कार, राजा बलवंत सिंह शिक्षा सम्मान, राष्ट्र निर्माता पुरस्कार जैसे कई सम्मान और पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।

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