पूर्वी लद्दाख में एलएसी के गोगरा-हाटस्प्रिंग इलाके (पीपी-15) से चीन और भारत के सैनिकों की वापसी शुरू हो गई है। इस पहलकदमी से भारत और चीन के बीच तनाव खत्म होने के आसार हैं। पढ़ें इस मुद्दे पर विदेश मंत्रालय का बयान…
नई दिल्ली, एजेंसी। पूर्वी लद्दाख में एलएसी के गोगरा-हाटस्प्रिंग इलाके (पीपी-15) से चीन और भारत के सैनिकों की वापसी की पहलकदमी से भारत और चीन के बीच तनाव खत्म होने के आसार हैं। भारत और चीन ने एक दिन पूर्व संयुक्त बयान जारी कर बताया था कि 16वें दौर की सैन्य कमांडर स्तर की बैठक में बनी सहमति के आधार पर दोनों मुल्कों के सैनिकों ने गोगरा हाटस्प्रिंग के इलाके (पीपी-15) से वापस हटना शुरू कर दिया है। अब विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि क्षेत्र से सैनिकों की वापसी प्रक्रिया 12 सितंबर तक पूरी कर ली जाएगी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा- भारत और चीन पूर्वी लद्दाख में LAC के गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स (PP-15) क्षेत्र में बनाए गए अस्थायी एवं अन्य बुनियादी ढांचे को नष्ट करने और सैनिकों की वापसी पर सहमत हुए हैं। दोनों मुल्कों के सैनिकों ने समन्वित और नियोजित तरीके से वापसी करनी शुरू की है। इलाके से सैनिकों की वापसी प्रक्रिया 12 सितंबर तक पूरी कर ली जाएगी।
समाचार एजेंसी एएनआइ की रिपोर्ट के मुताबिक यह विघटन प्रक्रिया भारत और चीन के कोर कमांडरों के बीच 17 जुलाई 2022 को चुशुल मोल्दो मीटिंग पॉइंट पर हुई 16वें दौर की वार्ता में बनी सहमति के अधार पर हो रही है। इसके बाद दोनों पक्षों ने वार्ता के दौरान हुई प्रगति पर अमल के लिए एक दूसरे से संपर्क बनाए रखा था। विदेश मंत्रालय ने कहा- दोनों पक्षों की ओर से विघटन प्रक्रिया 8 सितंबर को 08.30 बजे शुरू हुई जो 12 सितंबर 2022 तक पूरी कर ली जाएगी।
अरिंदम बागची ने बताया कि दोनों मुल्कों के बीच सहमति बनी है कि क्षेत्र में बनाए गए सभी अस्थायी एवं अन्य संबद्ध बुनियादी ढांचों को नष्ट कर दिया जाएगा। इस प्रक्रिया को दोनों तरफ से पारस्परिक रूप से सत्यापित किया जाएगा। दोनों मुल्कों के बीच हुआ यह समझौता सुनिश्चित करता है कि दोनों पक्षों द्वारा एलएसी का सम्मान किया जाएगा और यथास्थिति में एकतरफा बदलाव नहीं किया जाएगा। पिछली सैन्य वार्ता में एलएसी से लगे बाकी मुद्दों को सुलझाने को लेकर भी सहमति बनी है।