प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शंघाई सहयोग संगठन सदस्य राज्यों (एससीओ-सीओएचएस) के प्रमुखों की परिषद के 22वें शिखर सम्मेलन में नेताओं को संबोधित किया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत पारंपरिक दवाओं पर एक नए एससीओ कार्य समूह के लिए पहल करने के लिए तैयार है।
समरकंद (उजबेकिस्तान), एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शंघाई सहयोग संगठन सदस्य राज्यों (एससीओ-सीओएचएस) के प्रमुखों की परिषद के 22वें शिखर सम्मेलन में नेताओं को संबोधित किया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत पारंपरिक दवाओं पर एक नए एससीओ कार्य समूह के लिए पहल करने के लिए तैयार है।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि डब्ल्यूएचओ ने अप्रैल 2022 में गुजरात में अपने ग्लोबल सेंटर फार ट्रेडिशनल मेडिसिन का उद्घाटन किया और यह पारंपरिक उपचार के लिए डब्ल्यूएचओ द्वारा पहला और एकमात्र वैश्विक केंद्र था।
पीएम ने कहा, अप्रैल 2022 में, WHO ने गुजरात में अपने ग्लोबल सेंटर फार ट्रेडिशनल मेडिसिन का उद्घाटन किया। डब्ल्यूएचओ द्वारा पारंपरिक उपचार के लिए यह पहला और एकमात्र वैश्विक केंद्र था। भारत पारंपरिक दवाओं पर एक नए एससीओ कार्य समूह के लिए पहल करेगा।
पीएम मोदी ने खाद्य सुरक्षा की चुनौती से निपटने पर भी जोर दिया और बाजरा को लोकप्रिय बनाने के भारत के प्रयासों के बारे में बात की।
मोदी ने कहा कि SCO 2023 को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष के रूप में चिह्नित करने में बड़ी भूमिका निभा सकता है। दुनिया के सामने एक और चुनौती हमारे नागरिकों की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना है। समाधानों में से एक है बाजरा की खेती। बाजरा एक ऐसा सुपरफूड है जो न केवल एससीओ सदस्य देशों में बल्कि दुनिया के कई अन्य हिस्सों में भी हजारों सालों से उगाया जाता है।
इसके अलावा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी COVID-19 महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध के मद्देनजर भारत को एक विनिर्माण केंद्र बनाने को दोहराया, जिसके कारण ग्लोबल सप्लाई चेन में व्यवधान पैदा हुआ है।
पीएम मोदी ने समरकंद में अपने संबोधन के दौरान कहा, दुनिया COVID-19 महामारी पर काबू पा रही है। COVID और यूक्रेन संकट के कारण ग्लोबल सप्लाई चेन में कई व्यवधान उत्पन्न हुए। हम भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाना चाहते हैं।