रविवार को दक्षिण कोरिया के तट से टकरा सकता है खतरनाक Nanmadol Typhoon, होगी तेज बारिश

Typhoon Nanmadol के जापान के अलावा दक्षिण कोरिया के तट से भी टकराने की संभावना जताई गई है। कोरियाई मौसम एजेंसी ने इसको देखते हुए अलर्ट भी जारी किया है। बताया गया है कि रविवार को तट से टकरा सकता है।

 

सिओल (एजेंसी/जेएनएन)। जापान के कई इलाके Typhoon Nanmadol की आहट से सहमे हुए हैं। कई इलाकों में हाई अलर्ट किया गया है। इसके असर से दक्षिण कोरिया भी अछूता नहीं रहने वाला है।  फिलहाल ये जापान के ओकिनावा पर  है। रविवार को ये दक्षिण कोरिया के जेजू द्वीप से टकरा सकता है जो दक्षिणी तट पर स्थित है। इसकी वजह से हवा की रफ्तार करीब 29 मीटर प्रति सैकेंड की हो सकती है। इस साल का ये यहां का 14 तूफान बताया जा रहा है। पूर्वी चीन सागर से गुजरने के दौरान इलाकों में तेज बारिश की आशंका जताई गई है।

बता दें कि जापान पूरी तरह से समुद्र से घिरा हुआ है। इसकी भौगोलिक स्थिति भी काफी नाजुक है। इसलिए इस पूरे इलाके में भूकंप और तूफानों के आने की आशंका काफी बनी रहती है। लेकिन सही मायने में ये आशंका पूरी दुनिया में ही बनी रहती है। इनकी वजह से कई जगहों पर जान-माल की भी हानि हुई है। इसी माह चीन, दक्षिण कोरिया और जापान में कुछ और तूफानों ने भी दस्‍‍तक देकर कोहराम मचाया है।

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कुछ दिन पहले ही चीन में आया Typhoon Mufia की वजह से सभी चिंता में थे। इसकी वजह से स्‍कूलों और कालेजों को बंद कर दिया गया था। चीन में आने वाला ये बेहद शक्तिशाली तूफान था। इसको देखते हुए चीन ने द्वीपों से पर्यटकों को भी वापस आने का अलर्ट जारी किया था। समुद्र में मौजूद जहाजों को भी वापस बंदरगाह पर बुला लिया गया था। चीन का झेजियांग, वेनलिंग, शंघाई, निंगबो और झोउशान को हाई अलर्ट पर रखा गया था। चीन में ही आया इस वर्ष का ये 12वां चक्रवाती तूफान था।

दक्षिण कोरया में इसी माह आए Hinnamnor Typhoon की वजह से एक मीटर से अधिक बारिश रिकार्ड की गई थी। इसकी वजह से कई बिजली के पोल गिर गए थे और काफी बड़े इलाके में अंधेरा छा गया था। लोगों को सुराक्षित स्‍थानों पर पहुंचाया गया था। प्रभावित इलाकों में अलर्ट जारी करते हुए प्रशासन ने लोगों को वहां से निकलने की हिदायत तक दी थी। इस भीषण तूफान की वजह से कई घरों को नुकसान पहुंचा था। इस तूफान की वजह से जेजू का रिसार्ट द्वीप पूरी तरह से नष्‍ट गो याग था। इस दौरानप करीब 150 किमी प्रति घंटे की स्‍पीड से हवाएं चली थीं। कई उड़ानों को इसकी वजह से रद करना पड़ा था।

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