शुक्रवार को अमेरिका यूरोप और एशिया के शेयर बाजार बड़ी गिरावट के साथ बंद हुए। ये गिरावट महंगाई को काबू करने के लिए फेड की ओर से ब्याज दर बढ़ने के फैसले के बाद से शुरू हुई है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। दुनिया भर के बाजारों में शुक्रवार को आर्थिक मंदी की आहट के चलते बड़ी गिरावट हुईं। अमेरिका से लकेर यूरोप और एशिया के बाजारों में बिकवाली हावी रही। दुनिया के बाजारों में गिरावट की शुरुआत अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेड के 21 सितंबर के उस फैसले के बाद हुई, जिसमें महंगाई को कम करने के लिए ब्याज दरों लगातार तीसरी बार 75 आधार अंक या 0.75 प्रतिशत बढ़ाया गया था।
अमेरिका में महंगाई उच्चतम स्तर पर बनी हुई है। इसके कारण अमेरिका के बाजारों में लगातार ऊपरी स्तर से बड़ी गिरावट आ रही है। शुक्रवार को डाउ जोन्स 486 अंक या 1.62 प्रतिशत गिरकर 29,590 पर पहुंच गया। जानकारों का कहना है कि गिरावट और अधिक बढ़ती है तो अमेरिकी बाजार आधिकारिक तौर पर मंदी में चला जाएगा।
भारतीय शेयर बाजार का हालकमजोर वैश्विक संकेतों के चलते कल भारतीय शेयर बाजार में भी बड़ी गिरावट हुई थी। निफ्टी 302 अंक या 1.72 प्रतिशत गिरकर 17,327 अंक और सेंसेक्स 1.73 प्रतिशत गिरकर 1,020 अंक या 1.73 प्रतिशत गिरकर 58,098 गिरकर बंद हुआ था।
दुनिया की बड़ी मुद्राओं में गिरावटब्रिटिश सरकार की ओर से फाइनेंस टैक्स में कमी के चलते शुक्रवार को यूके की मुद्रा ब्रिटिश पाउंड 37 साल के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गई और इसके साथ ही यूरोप की मुद्रा यूरो भी अपने 20 साल के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया। अमेरिकी डॉलर में मजबूती का स्तर मापने वाला डॉलर इंडेक्स 20 सालों के उच्चतम स्तर 111 के आसपास बना हुआ है।