वकालत नहीं चली तो बन गया फर्जी जज, महिलाओं को शादी का झांसा देकर करने लगा ठगी

आरोपित ने करीब 20 महिलाओं को फंसाकर धोखाधड़ी की। आरोपित के पास से चार लाख रुपये जेवर और सरकारी कार्यालय की मुहर आदि बरामद की गई हैं। यह जानकारी डीसीपी सेंट्रल अपर्णा रजत कौशिक ने दी।

 

लखनऊ, आवाज़ ~ ए ~ लखनऊ । वकालत नहीं चली तो कानपुर के नवाबगंज में रहने वाले अधिवक्ता विष्णुशंकर गुप्ता ने खुद को जज बताकर महिलाओं को शादी का झांसा देकर ठगी करनी शुरू कर दी। विष्णुशंकर के निशाने पर तलाकशुदा और विधवा महिलाएं रहती थीं। वह समाचारपत्रों में तलाकशुदा और विधवा महिलाओं के पुर्नविवाह का विज्ञापन देखकर खुद को जज बताते हुए उनके नंबर पर फोन कर दोस्ती करता।

 

शादी का झांसा देकर उनसे लाखों रुपये ऐंठता था। इसके बाद मोबाइल बंद कर चंपत हो जाता। साइबर क्राइम सेल की टीम ने बुधवार को आरोपित विष्णुशंकर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। करीब 20 महिलाओं को फंसाकर विष्णुशंकर ने धोखाधड़ी की। उसके पास से चार लाख रुपये, जेवर और सरकारी कार्यालय की मुहर आदि बरामद की गई हैं। यह जानकारी डीसीपी सेंट्रल अपर्णा रजत कौशिक ने दी।

 

क महिला से ऐंठे थे 44 लाख रुपये और जेवर : साइबर क्राइम सेल प्रभारी रणजीत राय ने बताया कि आरोपित के खिलाफ बीते जनवरी माह में मुकदमा दर्ज हुआ था। एक महिला विधवा महिला को विज्ञापन देखकर खुद को जज बताकर उसे फंसाया था। इसके बाद मिलने जुलने लगा। विश्वास में लेकर उसे होटल ले गया। जहां दुष्कर्म किया। भविष्य की प्लानिंग के सपने दिखाकर झांसे में लेकर कई बार में 44 लाख रुपये और करीब पांच लाख के जेवर ऐंठे थे।

 

इसके बाद मोबाइल बंद कर फरार हो गया। पीड़िता की तहरीर पर आरोपित को पकड़ने के लिए कुछ नंबर देकर फर्जी शादी का विज्ञापन दिया गया। आरोपित विष्णुशंकर ने फिर एक-दो महिलाओं को फोन कर झांसे में लेकर बातचीत करने लगा। दारोगा शिशिर यादव, सिपाही अखिलेश पटेल, हरि किशोर व अन्य की मदद से आरोपित को गिरफ्तार कर लिया गया।

 

पत्नी से हो गया था तलाक, फंसाने के लिए रची थी अपरहण की झूठी कहानी : साइबर क्राइम सेल के एक्सपर्ट फिरोज बदर ने बताया कि विष्णुशंकर गुप्ता का उसकी पत्नी से तलाक हो गया था। उसने जालसाजी शुरू की। उसने अपनी पत्नी और ससुरालीजन को फंसाने के लिए खुद के अपहरण की झूठी कहानी रची थी। इस मामले में विष्णुशंकर के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज हुआ था। जिसके बाद अप्रैल 2021 में कानपुर बार एसोसिएशन ने विष्णुशंकर को डी-बार कर उसकी आजीवन सदस्यता रद्द कर दी थी। विष्णुशंकर के खिलाफ पांच मुकदमे दर्ज हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *