मुख्यमंत्री के जनता दर्शन कार्यालय में तैनात निजी सचिव ने सचिवालय में तैनात कंप्यूटर आपरेटर पर पांच लाख रुपये की धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। निजी सचिव का कहना है कि प्लाट बेचने के नाम पर रुपये लेने के बाद न प्लाट दिया और न ही पूरे रुपये लौटाए।
लखनऊ, आवाज़ ~ ए ~ लखनऊ । मुख्यमंत्री के जनता दर्शन कार्यालय में तैनात निजी सचिव को प्लाट बेचने का झांसा देकर पांच लाख की ठगी की गई। निजी सचिव ने सचिवालय प्रशासन अनुभाग में तैनात कंप्यूटर आरपरेटर पर आरोप लगाते हुए गौतमपल्ली थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।
इंस्पेक्टर गौतमपल्ली सुधीर कुमार अवस्थी के मुताबिक जानकीपुरम सेक्टर एफ में रहने वाले नरेश सिंह मुख्यमंत्री के जनता दर्शन कार्यालय में निजी सचिव हैं। उन्होंने सचिवालय प्रशासन अनुभाग में तैनात कंप्यूटर आपरेटर प्रियंक के खिलाफ प्लाट बेचने के नाम पर धोखाधड़ी कर पांच लाख रुपये हड़पने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया है।
नीलामी से बचने का दिया हवालाप्रियंक ऐशबाग बाजारखाला के रहने वाले है। वर्ष 2018 में प्रियंक ने हासेमऊ स्थित अपने प्लाट को बेचने के लिए कहा। प्रियंक ने बताया कि प्लाट की वह किस्त नहीं दे पा रहे हैं। प्लाट नीलाम किया जाना है। अगर नीलाम हुआ तो ससुराल और रिश्तेदारों में बदनामी होगी। इसलिए प्लाट आप खरीद लें। नरेश के मुताबिक 13 लाख रुपये में सौदा तय हो गया। इसके अलावा प्लाट की बची हुई किस्तें देनी थीं। नरेश ने करीब 11 लाख रुपये प्रियंक के खाते में जमा कर दिए पर प्रियंक रजिस्ट्री करने के लिए तैयार नहीं हुए।