सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग के जवाब-तलब करने के बाद दोबारा निशाना साधते हुए निकाय चुनाव में भी धांधली की आशंका जताई है। बता दें कि अखिलेश ने चुनाव आयोग पर मतदाता सूची से यादव और मुस्लिम समुदाय के मतदाताओं को कम करने के आरोप लगाया था।
लखनऊ, सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सैफई से लौटने के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करने के साथ ही निकाय चुनाव की तैयारी शुरू कर दी हैं। अखिलेश ने पार्टी कार्यकर्ताओं को निकाय चुनाव में अच्छे प्रदर्शन का संदेश देने के साथ ही चुनाव आयोग पर फिर निशाना भी साधा।
पार्टी प्रवक्ता के अनुसार अखिलेश यादव ने कहा कि निर्वाचन आयोग ने यदि स्वयं विधानसभा चुनाव 2022 में मतदाता सूची संबंधी नियमों का पालन किया होता तो हजारों मतदाता मतदान से वंचित नहीं रह जाते।
भाजपा सरकार विपक्ष की आवाज दबाने का षड्यंत्र करती है। कहा कि चुनाव स्वतंत्र, निष्पक्ष व पारदर्शी हो, यह संवैधानिक दायित्व निर्वाचन आयोग का है।
बिना किसी भय या प्रलोभन के प्रशासकीय तंत्र के दबाव से परे मतदान की प्रक्रिया सुनिश्चित करना भी चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है।
सवाल उठाया कि वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव से संबंधित शिकायतों और ज्ञापनों का संज्ञान चुनाव आयोग ने क्यों नहीं लिया। सपा ने लगातार आपत्तियां की थीं।
चुनाव के दौरान लंबे समय एक स्थान पर तैनात रहे अधिकारियों को न हटाए जाने को लेकर भी सवाल उठाए थे। पिछले विधानसभा चुनाव में हजारों मतदेय स्थल क्यों बदले गए, जिससे कई मतदाता भटकते रहे।
कई स्थानों पर पीठासीन अधिकारी के पास की सूची और अंतिम सूची में अंतर क्यों पाया जाता है। कहा कि अभी अंतिम मतदाता सूची नहीं है और मतदान की प्रक्रिया की घोषणा भी नहीं हुई है लेकिन, भाजपा नेता नगर निगम के सभी 17 स्थानों पर जीत का दावा कैसे कर सकते हैं।
निर्वाचन अधिकारी को इसका संज्ञान लेना चाहिए कि कहीं यह निकाय चुनाव में भी धांधली का भाजपाई एजेंडा तो नहीं है।