कोविड में भी बोर्ड ने बराबर ऑनलाइन प्रोग्राम किये और मिल्लत के लिये आवाज़ उठाई। बोर्ड के जनरल सेक्रेट्री मौलाना यासूब अब्बास ने अपनी तक़रीर में फ़रमाया कि भारी पत्थर एक ज़रब में नहीं टूटता बल्कि मुसलसल इस पर ज़रबें (चोट) लगाना होती हैं। ऑल इण्डिया शिया पर्सनल लाॅ बोर्ड के ये जलसे उस भारी पत्थर पर ज़र्ब हैं जो हमारा हक़ दबाए हुए हैं। मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि शिया पर्सनल लाॅ बोर्ड मिल्लत को तस्बीह की तरह एक धागे में देखना चाहता है।
लखनऊ । आवाज़ ~ ए ~ लखनऊ ; 5 दिसम्बर, 2022 ऑल इण्डिया शिया पर्सनल लाॅ बोर्ड का तारीख़ी इलजासे आम मस्जिद ईरानियान, मुग़ल मस्जिद में 4 दिसम्बर, को रात 7 बजे बोर्ड के सद्र हुज्जतुल इस्लाम मौलाना सै0 साएम मेहदी साहब की अध्यक्षता में आयोजित हुआ। ऑल इण्डिया शिया पर्सनल लाॅ बोर्ड हिन्दुस्तान में फैले लगभग 8 करोड़ शियों के हुकूक़ के लिये आवाज़ बलन्द कर रहा है। जलसे की शुरुआत हुज्जतुल इस्लाम आग़ा नजफ़ी करगिली ने तिलावते कुरआने मजीद से की। प्रोग्राम का संचालन बोर्ड के जनरल सेक्रेट्री मौलाना यासूब अब्बास ने अंजाम दिया।
अध्यक्ष इस्तेक़बालिया कमेटी हाजी सफ़दर अब्बास करमाली ने अपनी इस्तेक़बालिया तक़रीर में दूर दराज़ से तशरीफ़ लाये हज़राते उलमा, खोतबा, दानिश्वरान का इस्तेक़बाल किया और उनका शुक्रिया अदा किया। बोर्ड के अध्यक्ष हुज्जतुल इस्लाम मौलाना सै0 साएम मेहदी साहब ने अपने सिदारती खुतबे में बोर्ड की ज़रूरत और उसकी अहमियत पर रौशनी डाली और फ़रमाया कि मुख़तलिफ़ मसाएल जो मिल्लत को दरपेश होते हैं बोर्ड हर मौके़ पर उसके लिये आवाज़ बलन्द करता है और उनको हल करने की कोशिश करता है। कोविड में भी बोर्ड ने बराबर ऑनलाइन प्रोग्राम किये और मिल्लत के लिये आवाज़ उठाई। बोर्ड के जनरल सेक्रेट्री मौलाना यासूब अब्बास ने अपनी तक़रीर में फ़रमाया कि भारी पत्थर एक ज़रब में नहीं टूटता बल्कि मुसलसल इस पर ज़रबें (चोट) लगाना होती हैं। ऑल इण्डिया शिया पर्सनल लाॅ बोर्ड के ये जलसे उस भारी पत्थर पर ज़र्ब हैं जो हमारा हक़ दबाए हुए हैं। मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि शिया पर्सनल लाॅ बोर्ड मिल्लत को तस्बीह की तरह एक धागे में देखना चाहता है।
आज जो मिल्लत का शीराज़ा बिखरा हुआ है अगर वो एक हो जाये तो हुकूमतें भी हमारी आवाज़ सुनने पर मजबूर होंगी। डाॅ0 फ़ख़रूल हसन रिज़वी सद्र महाराष्ट्रा ने अपनी तक़रीर में भाई चारे और इत्तेहाद पर ज़ोर दिया और कहा कि हम बोर्ड के हज़रात महाराष्ट्रा का दौरा करके यहाँ के मसाएल मालूम करेंगे और उनको हल करने की कोशिश करेंगे। जलसे में मौलाना सैय्यद ज़हीर अब्बास रिज़वी साहब ने इत्तेहाद बैनुल मुस्लेमीन पर ज़ोर दिया और कहा कि इंसान को किसी की तरफ़ से ग़लतफ़हमी का शिकार नहीं होना चाहिये। मौलाना ने बोर्ड की ज़रूरत पर ज़ोर दिया और कहा कि मिल्लत के मसाएल हल करने के यही रास्ते हैं।
इसके अलावा हुज्जतुल इस्लाम मौलाना असलम रिज़वी (रईस शिया उलमा बोर्ड), मौलाना मिर्ज़ा जाफ़र अब्बास (लखनऊ), मौलाना शमशीर अली मुख़्तारी (आज़मगढ़), मौलाना ज़की हसन नूरी (मुम्बई), मौलाना फ़सीह हैदर (मुज़फ़्फ़र नगर), मौलाना बाक़र काज़मी (मुज़फ़्फ़र नगर), मौलाना तहज़ीबुल हसन (सद्र झारखण्ड), मौलाना ख़ादिम हुसैन (इमामे जुमा भनौली सादात), मौलाना हसन अकबर नूरी, जनाब माजिद मेहदी (सद्र दिल्ली), जनाब रईस हकीम (सद्र गोवा) ने अपने अपने ख़यालात का इज़हार किया और मिल्लत के लिये बेहतरीन तजावीज़ पेश कीं। जलसे में जनाब अमीन पटेल, एम0एल0ए0 ने शिरकत की और अपनी तक़रीर में अहलेबैत अ0स0 से मोहब्बत का इज़हार करते हुए फ़रमाया कि इस साल अरबईन में मैंने मशी की। हज़रत इमाम हुसैन अ0स0 ने इन्सानियत की हिफ़ाज़त के लिये अपनी कुरबानी पेश की। क़ौमी खि़दमात अंजाम देने के लिये जनाब अमीन पटेल साहब को एक मोमेन्टो और शाल बोर्ड के सद्र मौलाना साएम मेहदी, मौलाना यासूब अब्बास, मौलाना ज़हीर अब्बास, मौलाना एजाज़ अतहर ने पेश किया। अज़ादारी और मोहर्रम में अपनी खि़दमात अंजाम देने के लिये जनाब सफ़दर भाई करमाली को मोमेन्टो और शाल पेश किया। इसके अलावा जनाब अली नमाज़ी साहब ट्रस्टी मुग़ल मस्जिद को उनके क़ौमी और समाजी खि़दमात के लिये मोमेन्टो और शाल पेश किया गया। जनाब फ़ख़रूल हसन रिज़वी और जनाब सरदार नवाब साहब को उनकी खि़दमात के लिये मोमेन्टो और शाल पेश किया गया।
जनाब ज़ीशान मेहदी, चेयरमैन बी0एम0सी0 बैंक को उनकी खि़दमात के लिये मोमेन्टो और शाल, जनाब साएम मेहदी साहब, जनाब ज़हीर अब्बास साहब, जनाब अली नमाज़ी साहब ने पेश की। आखि़र में मौलाना मिर्ज़ा एजाज़ अतहर ने तजावीज़ जलसा के सामने पेश कीं जिसको जलसे ने मुत्तफ़ेक़ा तौर पर मंजूर किया। जलसे में मौलाना असलम रिज़वी साहब, मौलाना रूह ज़फ़र साहब, मौलाना कै़सर हुसैन साहब (बनारस), मौलाना कल्बे अब्बास साहब, मौलाना असद यावर साहब (बिहार), मौलाना रिज़वान हैदर साहब (बंगलौर), मौलाना सैय्यद हैदर मेहदी (तमिलनाडु), मौलाना तहज़ीबुल हसन साहब (झारखण्ड), मौलाना शाने हैदर (हैदराबाद) हसन मीरपुरी साहब, मौलाना उम्मदी आज़मी, मौलाना अमीर अब्बास (हरियाणा), मौलाना क़मर अब्बास (मध्य प्रदेश),
मौलाना रफ़ीक़ साहब (गोवा), मौलाना नादिर अली (दिल्ली), अल्लामा हैदर मेहदी (बिजनौर), मौलाना मोहसिन नासिरी (मुम्बई), मौलाना जाफ़र ख़ाँ साहब (मुम्बई), जनाब ज़ीशान मेहदी साहब (चेयरमैन बी0एम0सी0 बैंक), अली नमाज़ी, अहमद नमाज़ी (ट्रस्टी मुग़ल मस्जिद मुम्बई), जनाब सफ़दर करमाली (सद्र, ख़ोजा जमाअत), अली अकबर रतंसी, अली रज़ा बंदे अली, हाजी पारिख, मुस्तफ़ा पारिख, ईसा रज़ा (साबिक़ वज़ीर, उप्र सहारनपुर), ज़हीर मुस्तफ़ा (लखनऊ), जावेद जै़दी शानू, हसन मेहदी झब्बू (लखनऊ), शेर अली, अली हसन, मेहदी हसन, सैय्यद मसीह अब्बास, दीदार अली, सलीम हुसैन, यासीन बादामी, गुलाम हुसैन मिसत्री, मिक़दाद पारिख के अलावा बहुत कसीर तादाद में हज़राते उलमा, खोतबा, वाएज़ीन, शोअरा, मातमी अंजुमनों, सबील के ज़िम्मेदारों के अलावा सैकड़ों की तादाद में हज़रात मोमिनीन ने शिरकत की। आखि़र में जनाब सरदार नवाब ने जलसे में तशरीफ़ लाये उलमा, खोतबा, दानिश्वरान, मुम्बई पुलिस और मोमिनीन का शुक्रिया अदा किया।