बोर्ड परीक्षा के प्रश्नपत्रों की जीपीएस ट्रैकिंग से होगी निगरानी, नकल पर लगाम कसने को खर्च होंगे 50 करोड़

यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षा में होने वाले पेपर लीक और नकल पर लगाम कसने के ल‍िए योगी आद‍ित्‍यनाथ सरकार सख्‍त है। सरकार ने बोर्ड परीक्षा के प्रश्नपत्रों की जीपीएस ट्रैकिंग से निगरानी के साथ सीसीटीवी कैमरे आद‍ि लगाने के ल‍िए 50 करोड़ खर्च क‍िए जाएंगे।

 

लखनऊ,  यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षा में अब नकल को रोकने के लिए और सख्ती की जाएगी। प्रश्नपत्र आउट न हो सकें इसके लिए जिलों में स्ट्रांग रूम और फिर वहां से परीक्षा केंद्रों तक इन्हें पहुंचने तक इनकी जीपीएस ट्रैकिंग की जाएगी।

नकल व‍िहीन परीक्षा के ल‍िए योगी सरकार ने अनुपूरक बजट में खोली पोटलीअगर कहीं कोई गड़बड़ी होगी तो उसे तुरंत पकड़ लिया जाएगा। तत्काल दूसरे सेट के प्रश्नपत्र से परीक्षा करा ली जाएगी।

इसकी मुख्यालय से सर्विलांस के माध्यम से निगरानी होगी और बोर्ड परीक्षा केंद्रों में सीसीटीवी कैमरे आवश्यकता के अनुसार बढ़ाए जाएंगे।

अनुपूरक बजट में सरकार ने नकल विहीन परीक्षा के लिए पोटली खोल दी है।

बोर्ड परीक्षा कें प्रश्नपत्रों की जीपीएस ट्रैकिंग व सर्विलांस के माध्यम से निगरानी करने तथा परीक्षा केंद्रों पर जरूरत के अनुसार और सीसीटीवी कैमरे लगाने पर 50 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

सुचारू ढंग से परीक्षाएं कराई जा सकेंगी संपन्नमाध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा आयोजित यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षा की कापियों के मूल्यांकन और कक्ष निरीक्षक की ड्यूटी करने वाले शिक्षकों के शैक्षिक सत्र वर्ष 2018-19, वर्ष 2019-20 और वर्ष 2020-21 के पारिश्रमिक के लंबित भुगतान को देने के लिए पांच करोड़ रुपये की धनराशि का प्राविधान किया गया है। ताकि आगे बोर्ड परीक्षा में शिक्षक लंबित भुगतान को लेकर किसी भी तरह का विरोध न करें और सुचारू ढंग से परीक्षाएं संपन्न कराई जा सकें।

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