जिम्मेदार आला अधिकारी कहते हैं हर मरीज पर दो हजार रु चाहिए अगर नही दोगी तो तुम्हारी सेलरी से काट ली जाएगी।
आवाज –ए–लखनऊ उन्नाव मियागंज सामुदायिक स्वाथ्यकेंद्र में ग्राम आशा बहुओं को सीएचसी की बाल विकास की अधीक्षक सरोज बाला धमकाते हुए कहती हैं कि अगर तुम सब लोग से हमे दो दो हजार रुपए हर मरीज पर चाहिए अगर नही दोगी तो तुम्हारी सेलरी से काट ली जाएगी और जो भी बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र बनवाना हो तो सौ सौ रुपए दो साथ ही साथ हर बच्चे की इंट्री पर पांच रुपए चाहिए इतना ही नहीं रुका मामला हम आपको बताते चले कि सीएचसी में होने वाली डिलेवरी में भी अध्यक्षिका ने दो दो सौ रुपए मांगे वहां पर कार्यरत नर्स भी डेढ डेढ सौ रुपए और सुमन मिश्रा को पांच सौ पचास रुपए चाहिए अगर नही दिया गया तो देर तक पेशेंट को रोककर जिला अस्पताल भेज दिया जाता है जब इस कृत्य के विरोध के लिए कोई भी आशा बहू आवाज उठाती है तो नौकरी से निकलने की धमकी दी जाती है इसकी जब शिकायत सीएचसी अधीक्षक संदीप मिश्रा को दी तो बिना कार्यवाही किए अपना पलड़ा बचाते हुए नजर आए और कहते है कि कार्यवाही की जाएगी जब लिखित दिया जायेगा लेकिन यह सब आश्वासन दिया करते है पर कोई कार्यवाही अभी तक न होने पर आशा बहुओं ने परेशान होकर मीडिया का सहारा लिया आशा बहू ने बताया कि जब भी मीटिंग होती है तो उनको काफी समय से रखे सामान दिए जाते है जो खराब हो चुके हो या खराब होने वाले होते है सीएचसी में अल्ट्रासाउंड की भी व्यवस्था नहीं है जिसके लिए या तो जिला अस्पताल जाए तीन चार दिन बर्बाद करे इससे डॉक्टर पास के ही पैथालॉजी से संपर्क किए हुए है वहां के लिए लिखदेते है जिनसे डॉक्टर को कमीशन मिलता है लगभग सौ से दो सौ रुपए एक अल्ट्रासाउंड में मिलता है और दवा भी बाहर से लिखते है सीएचसी में आई हुई दवा को बाहर मेडिकल स्टोर पर बेच दी जाती है जिससे दो गुनी रकम से बेच कर कमाई जा सके।