समाजवादी पार्टी ने महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य से असहमत दो पूर्व प्रवक्ताओं रोली तिवारी और ऋचा सिंह को निष्कासित कर दिया है। दोनों ने ही स्वामी प्रसाद मौर्य को लेकर टिप्पणी की थी। जिसके बाद पार्टी की ओर से दोनों पर कार्रवाई की गई।
लखनऊ, रामचरितमानस को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान को लेकर टिप्पणी करना समाजवादी पार्टी की नेता डा. रोली तिवारी मिश्रा और ऋचा सिंह को भारी पड़ गया। दोनों ही महिला नेताओं को सपा ने पार्टी ने निष्कासित कर दिया है। सपा ने इंटरनेट मीडिया के माध्यम से दोनों को पार्टी से निकालने की जानकारी दी।
सपा के इस कदम से साफ है कि रामचरितमानस प्रसंग को पार्टी तूल देती रहेगी। रोली तिवारी सपा की पूर्व प्रवक्ता रही हैं। उन्होंने अपने ट्विटर पर स्वामी प्रसाद मौर्य का वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा था, स्वामी प्रसाद का कहना है कि समाजवादी पार्टी की सरकार बनी तो श्रीरामचरितमानस की चौपाइयों को प्रतिबंधित करवाएंगे।
2012 में रोटी कपड़ा सस्ती हो दवा पढ़ाई मुफ्ती हो, इस नारे के साथ अखिलेश यादव यूपी के मुख्यमंत्री बने थे। क्या ””मानस का मुद्दा”” लेकर सपा फिर से सरकार बना पाएगी? इससे पहले भी कई और ट्वीट के जरिए स्वामी को घेर चुकी थीं। वहीं, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी छात्रसंघ की पूर्व अध्यक्ष डा. ऋचा सिंह भी लगातार स्वामी प्रसाद मौर्य पर हमला बोल रही थीं।
पूर्व मीडिया पैनलिस्ट ऋचा ने पार्टी ने पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से धार्मिक व सांप्रदायिक मुद्दों पर बहस से बचने की सलाह दी थी। रामचरितमानस पर विवादित टिप्पणी को लेकर स्वामी प्रसाद लगातार निशाने पर रहे थे। ऋचा प्रयागराज के शहर पश्चिमी से भाजपा के सिद्धार्थ नाथ सिंह के खिलाफ दो बार चुनाव लड़ चुकी हैं।
सपा ने स्वामी प्रसाद से असहमत दोनों पूर्व प्रवक्ताओं को निकालकर यह संदेश देने की कोशिश की स्वामी प्रसाद मौर्य का विरोध करने वालों से पार्टी सख्ती से निपटेगी। पार्टी के इस निर्णय का यह भी मतलब निकाला जा रहा है कि स्वामी प्रसाद मौर्य रामचरितमानस प्रसंग को तूल देते रहेंगे। सपा नेतृत्व की मौन स्वीकृति के रूप में भी इसे देखा जा रहा है।