डॉ. डीएस चौहान कल 31 मार्च को होंगे रिटायर, अगला डीजीपी भी होगा कार्यवाहक

उत्तर प्रदेश पुलिस का अगला डीजीपी भी कार्यवाहक ही होगा। 1988 बैच के आइपीएस अधिकारी व कार्यवाहक डीजीपी डॉ. डीएस चौहान का सेवाकाल 31 मार्च को पूरा हो रहा है। प्रदेश के नए डीजीपी के चयन का प्रस्ताव संघ लोकसेवा आयोग को नहीं भेजा गया है।

 

 लखनऊ : उत्तर प्रदेश पुलिस का अगला डीजीपी भी कार्यवाहक ही होगा। 1988 बैच के आइपीएस अधिकारी व कार्यवाहक डीजीपी डॉ. डीएस चौहान का सेवाकाल 31 मार्च को पूरा हो रहा है। प्रदेश के नए डीजीपी के चयन का प्रस्ताव संघ लोकसेवा आयोग को नहीं भेजा गया है। पुलिस विभाग में अब इसे लेकर चर्चा है कि राज्य सरकार अगले कार्यवाहक डीजीपी के रूप में किसे चुनेगी।

नए डीजी इंटेलीजेंस व डीजी विजिलेंस की भी होगी तैनातीडा.चौहान के सेवानिवृत्त होने पर डीजीपी के अलावा डीजी इंटेलीजेंस व डीजी विजिलेंस के पदों पर भी नए अधिकारियों की तैनाती होगी। डा.चौहान डीजी इंटेलीजेंस के पद पर तैनात हैं और उनके पास डीजी विजिलेंस का भी अतिरिक्त प्रभार है। यही वजह है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भरोसेमंद अधिकारियों में गिने जाने वाले अधिकारी डा.चौहान को सेवाकाल पूरा होने के बाद उन्हें गृह विभाग का सलाहकार अथवा कोई अन्य महत्वपूर्ण दायित्व सौंपे जाने की संभावना भी है। डा.चौहान सर्वाधिक 11 माह तक कार्यवाहक डीजीपी रहने वाले अधिकारी भी होंगे।

अगले माह भेजा जा सकता है स्थायी डीजीपी का चयन प्रस्ताववहीं, 31 मार्च को डीजी का एक पद रिक्त होने पर वरिष्ठता क्रम में आगे एडीजी एमके बशाल को डीजी के पद पर पदोन्न्ति मिल जाएगी। राज्य सरकार स्थायी डीजीपी के चयन का प्रस्ताव अप्रैल में संघ लोकसेवा आयोग को भेज सकती है, हालांकि, इसे लेकर वरिष्ठ अधिकारी कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं।

स्थायी डीजीपी के चयन के लिए छह माह से अधिक का कार्यकाल शेष होने की दृष्टि से देखें तो वरिष्ठता सूची में 1987 बैच के आइपीएस अधिकारी मुकुल गोयल का नाम शीर्ष पर है। उनके बाद 1988 बैच के आइपीएस अधिकारी आनन्द कुमार व विजय कुमार के नाम हैं। 1989 बैच के आइपीएस अधिकारी आशीष गुप्ता व 1990 बैच की रेणुका मिश्रा, बीके मौर्य व एसएन साबत के नाम भी वरिष्ठता क्रम में आगे हैं।

 

बता दें, मुकुल गोयल, आनन्द कुमार व विजय कुमार का सेवाकाल वर्ष 2024 तक है। राज्य सरकार ने 1987 बैच के आइपीएस अधिकारी मुकुल गोयल को 11 मई, 2022 को डीजीपी के पद से हटा दिया था, उन्हें दोबारा मौका मिलने की संभावना न के बराबर है। राज्य सरकार ने 12 मई, 2022 को डा.डीएस चौहान को कार्यवाहक डीजीपी बनाया था। जिसके उपरांत स्थायी डीजीपी के चयन का प्रस्ताव संघ लोकसेवा आयोग को भेजा गया था, जो कुछ आपत्तियों के साथ वापस आ गया था।

 

पुलिस विभाग में डीजीपी के अलावा डीजी इंटेलीजेंस व डीजीपी विजिलेंस के पद पर अगले अधिकारी के नामों को लेकर चर्चाएं कम नहीं हैं। डीजी स्तर के कई अधिकारी इन पदों पर अपना दावा रखते हैं। यह भी चर्चा है कि स्थायी डीजीपी का पद रिक्त होने की तिथि से प्रस्ताव भेजे जाने की दशा में वरिष्ठता सूची में शामिल अधिकारियों का क्रम भी बदल सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *