लखनऊ में अब दाह संस्कार के प्रयोग में आने वाली लकड़ी भी महंगी हो गई है। नगर निगम ने लकड़ी मंहगी होने के बाद 630 रुपये प्रति क्विंटल की दर तय की है। नगर निगम ने इसका आदेश भी जारी कर दिया है।
लखनऊ, नगर निगम ने श्मशान घाट भैंसाकुंड समेत श्मशान घाटों पर होने वाले दाह संस्कार की लकड़ी की दर को निर्धारित कर दिया। अभी तक 550 रुपये क्विंटल की दर से बिकने वाली लकड़ी की दर 630 रुपये क्विंटल कर दिया गया है। दरअसल लकड़ी बेचने वाले ठेकेदार दाम बढ़ाए जाने की मांग कर रहे थे और मनमाने दरों पर लकड़ी बेच रहे थे। इसके विरोध में मनकामेश्वर मंदिर वार्ड से पूर्व पार्षद रंजीत सिंह बुधवार से भैंसाकुंड श्मशान घाट पर ही धरने पर बैठ गए थे और नगर निगम से दाम का निर्धारण करने की मांग कर रहे थे।
गुरुवार को भी कई अन्य पूर्व पार्षद भी धरने पर बैठ गए थे। दोपहर में नगर निगम के मुख्य अभियंता सिविल महेश कुमार वर्मा ने श्मशान घाट जाकर पूर्व पार्षदों के अलावा लकड़ी के ठेकेदारों से बातचीत की। कड़ी की दर के बारे में पता चला कि बाजार के साथ ही लोक निर्माण विभाग की दरों में वृद्धि हो गई है। दामों को लेकर नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने पर नगर आयुक्त, अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व), मुख्य अभियंता (सिविल), मुख्य वित्त एवं लेखाधिकारी, जोनल अधिकारी व अधिशासी अभियन्ता को सम्म्मिलित करते हुए समिति का गठन किया गया था, जिसकी बैठक लोक निर्माण विभाग की प्रचलित वर्तमान दर शिड्यूल 2022 में सामग्री से संबंधित) के अनुसार जलौनी लकड़ी की दर छह सौ रुपये क्विंटल निर्धारित है।
लकड़ी लाने का भाड़ा जोड़ते हुए छह सौ क्विंटल में पांच प्रतिशत की वृद्धि करते हुए नगर निगम सीमा में सभी श्मशान घाटों पर 630 रुपये क्विंटल की दर निर्धारित की गई है। दरअसल नगर निगम की तरफ से 550 रुपये क्विंटल की दर निर्धारित है, जिसे बढ़ाने की मांग लकड़ी के ठेकेदार कर रहे हैं, लेकिन जब नगर निगम की तरफ से नई दर पर मुहर नहीं लगाई गई तो ठेकेदारों ने 750 रुपये क्विंटल के हिसाब से लेना शुरू कर दिया है। सोलह मार्च को ठेकेदारों ने लकड़ी की कमी बताते हुए शवों को वापस ले जाने को कहा था। तब लोगों को खुद के साधन से बाहर से लकड़ी खरीदकर लानी पड़ी थी और तब दाह संस्कार हो पाया था। इतना ही नहीं कई को तो शव को वापस तक ले जाना पड़ा था।