2025 तक पूरा हो जाएगा पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथेनॉल मिलाने का लक्ष्य, पेट्रोलियम मंत्री ने बताया प्लान

पेट्रोल में 10 प्रतिशत एथेनॉल मिश्रित करने का लक्ष्य जून 2022 में हासिल कर लिया गया था जबकि इसके लिए टारगेट नवंबर 2022 रखा गया था। इसकी सफलता से उत्साहित होकर सरकार पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल मिलाने के प्रोग्राम को आगे बढ़ा रही है।

 

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। तेल मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को 2025 तक 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल की आपूर्ति के लक्ष्य को पूरा करने का भरोसा जताया। उन्होंने कहा कि सरकार इसको पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। फरवरी में 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 20 प्रतिशत एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल एक कार्यक्रम के रूप में पेश किया गया था।

ग्रीन हॉउस गैसों के उत्सर्जन में कटौती के साथ-साथ विदेशी मुद्रा-निकासी और आयात पर निर्भरता के लिए जैव ईंधन के उपयोग को बढ़ाने के लिए ये मिशन बेहद जरूरी माना जा रहा है। वर्तमान में, पेट्रोल में 10 प्रतिशत एथेनॉल (10 प्रतिशत एथेनॉल, 90 प्रतिशत पेट्रोल) मिलाया जाता है और सरकार 2025 तक इस मात्रा को दोगुना करने की सोच रही है।

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क्या है सरकार का प्लानपेट्रोलियम मंत्री ने कहा, “मुझे यकीन है कि हम अगले (वित्तीय) साल तक 20 फीसदी एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल की आपूर्ति करने में सक्षम होंगे।” उन्होंने जैव ईंधन सम्मेलन में बोलते हुए कहा कि भारत ने 10 प्रतिशत सम्मिश्रण से विदेशी मुद्रा खर्च में 41,500 करोड़ रुपये की बचत की और किसानों को भी फायदा हुआ।

पुरी ने कहा कि भारत ने निर्धारित समय से पांच महीने पहले जून 2022 में पेट्रोल में 10 प्रतिशत एथेनॉल का सम्मिश्रण हासिल किया। उन्होंने कहा, “हमने पहले सोचे गए 2030 के लक्ष्य से पांच साल पहले 2025 तक E20 मिश्रित पेट्रोल की उपलब्धता को सुनिश्चित करने की कोशिश करेंगे।”

गन्ने के साथ-साथ टूटे चावल और अन्य कृषि उत्पादों से निकाले गए एथेनॉल के उपयोग से दुनिया के तीसरे सबसे बड़े तेल उपभोक्ता और आयातक देश भारत को विदेशी शिपमेंट पर अपनी निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी। भारत फिलहाल अपनी तेल जरूरतों को पूरा करने के लिए 85 फीसदी आयात पर निर्भर है।

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कम होगा प्रदूषणE0 (स्वच्छ पेट्रोल) की तुलना में E20 के उपयोग से दोपहिया वाहनों में कार्बन मोनोऑक्साइड उत्सर्जन में लगभग 50 प्रतिशत और चौपहिया वाहनों में लगभग 30 प्रतिशत की कमी का अनुमान है। इससे दोपहिया और यात्री कारों, दोनों में हाइड्रोकार्बन उत्सर्जन में 20 प्रतिशत की कमी का अनुमान है।

लगातार बढ़ा है भारत का इम्पोर्ट बिलभारत ने वित्त वर्ष 2021-22 (अप्रैल 2021 से मार्च 2022) में कच्चे तेल के आयात पर 120.7 बिलियन अमरीकी डालर खर्च किए। वित्त वर्ष 2022-23 के पहले 11 महीनों के दौरान इसने कच्चे तेल के आयात पर 211.6 बिलियन अमरीकी डालर खर्च किए। 30 नवंबर, 2022 को समाप्त आपूर्ति वर्ष के दौरान पेट्रोल में 440 करोड़ लीटर एथेनॉल मिलाया गया था।

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