यूपी में बकरीद पर दिखा अलग नजारा, पहली बार सड़क पर नहीं पढ़ी गई नमाज; चप्पे-चप्पे पर थी पुलिस की नजर

यूपी में इस बार बकरीद की नमाज मस्जिदों के भीतर ही अदा की गई। इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ। जबकि ईद की नमाज सड़कों पर नहीं अदा की गई। बकरीद के मौके पर प्रदेश में 33440 ईदगाहों और मस्जिदों में नमाज पढ़ी गई। चप्पे-चप्पे पर पुलिस की निगरानी के बीच शांतिपूर्ण तरीके से ये त्योहार मनाया गया।

 

लखनऊ,  देश भर में बकरीद का त्यौहार मनाया गया। बकरीद के अवसर पर उत्तर प्रदेश में अलर्ट रहा। सभी जिलों में कड़े सुरक्षा प्रबंध रहे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा-निर्देश पर प्रदेश में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। चप्पे-चप्पे पर पुलिस की पैनी नजर थी। इस कड़ी सुरक्षा के बीच कहीं भी सड़क पर नमाज नहीं पढ़ी गई। नमाज सिर्फ मस्जिदों में ही पढ़ी गई।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दो दिन पूर्व कानून-व्यवस्था और आने वाले त्योहारों पर श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए किए जा रहे प्रबंधों की समीक्षा की थी। वरिष्ठ अधिकारियों से कहा था कि आस्था को सम्मान दें, मगर कहीं कोई नई परंपरा आरंभ न हो। बकरीद पर कुर्बानी के स्थलों पर ही हो। ऐसी व्यवस्था किए जाने का निर्देश भी दिया था, जिससे कहीं यातायात प्रभावित न हो।

चप्पे-चप्पे पर थी पुलिस की नजर

मुख्यमंत्री ने बकरीद, श्रावण मास, मुहर्रम व अन्य त्योहारों पर पुलिस/प्रशासन को अतिरिक्त संवेदनशीलता बरतने का निर्देश भी दिया था। प्रशासन व पुलिस के अधिकारियों की मुस्तैदी से त्योहार शांतिपूर्ण संपन्न हुआ है। धर्मगुरुओं और संभ्रांत नागरिकों से संवाद कर जो व्यवस्था बनाई गई, उसके चलते कहीं सड़क पर नमाज नहीं पढ़ गई।

ईदगाहों और मस्जिदों में अता हुई नमाज

बकरीद के मौके पर प्रदेश में 33,440 ईदगाहों और मस्जिदों में नमाज पढ़ी गई। 2,213 संवेदनशील स्थानों पर पुलिस का कड़ा पहरा रहा। डीजीपी विजय कुमार व स्पेशल डीजी कानून-व्यवस्था ने पुलिस मुख्यालय स्थित कंट्रोल रूम के माध्यम से सभी जिलों में नजर रखी। सोशल मीडिया सेल का भ्रमण कर जिले के अधिकारियों से जानकारी लेते रहे। शांति और सौहार्द पूर्वक इस त्यौहार को उत्तर प्रदेश की जनता ने मनाया।

सीएम योगी के थे सख्त निर्देश 

ऐसा पहली बार है कि बकरीद पर उत्तर प्रदेश में सड़क पर नमाज नहीं पढ़ी गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त निर्देश थे कि नमाज मस्जिदों और ईदगाहों में ही पढ़े जाएं, ताकि और लोगों को परेशानी न हो। इसके साथ ही सुरक्षा को लेकर भी पुलिस प्रशासन अलर्ट पर था। यूपी की गलियों से लेकर सोशल मीडिया तक पुलिस की नजर थी।

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