दिल्ली में उफान पर यमुना, रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा पानी;

दिल्ली में कई दिनों की लगातार बारिश के बाद बुधवार दोपहर 1 बजे तक यमुना का जलस्तर अपने उच्चतम स्तर 207.55 मीटर पर पहुंच गया। पिछला रिकॉर्ड 207.49 था जो 1978 में बना था। इसके मद्देनजर दिल्ली के निचले स्थलों में बाढ़ को लेकर प्रशासन की चिंता बढ़ गई है। जल्द से जल्द स्थिति पर काबू पाने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक आपातकालीन बैठक बुलाई है।

 

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कई दिनों की लगातार बारिश के बाद बुधवार दोपहर 1 बजे तक यमुना का जलस्तर अपने उच्चतम स्तर 207.55 मीटर पर पहुंच गया।

पिछला रिकॉर्ड 207.49 था जो 1978 में बना था। इसके मद्देनजर दिल्ली के निचले स्थलों में बाढ़ को लेकर प्रशासन की चिंता बढ़ गई है।

जल्द से जल्द स्थिति पर काबू पाने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक आपातकालीन बैठक बुलाई है। इसके साथ ही दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी के बाढ़ संभावित क्षेत्रों में धारा 144 लागू कर दी है।

जानकारी के मुताबिक, पुराने रेलवे ब्रिज पर जलस्तर 2013 के बाद पहली बार सुबह 4 बजे 207 मीटर के निशान को पार कर गया, और दोपहर 1 बजे तक बढ़कर 207.55 मीटर हो गया।

अधिकारियों ने बताया कि जलस्तर और बढ़ने की संभावना है और आज आधी रात तक यमुना में जलस्तर 207.72 मीटर तक पहुंच सकता है।

दिल्ली सरकार किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। हम नियमित रूप से यमुना नदी के जलस्तर की निगरानी कर रहे हैं। बांध को टूटने से रोकने के लिए कई तटबंध स्थापित किए गए हैं।

-दिल्ली की पीडब्ल्यूडी की मंत्री आतिशी

1978 में आई थी दिल्ली में बाढ़

बता दें कि वर्ष 1978 में हथिनीकुंड बैराज से 7 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने पर दिल्ली में बाढ़ आ गई थी। उस समय पुराने रेलवे पुल पर यमुना नदी का स्तर 204.79 मीटर पहुंचा था।

केजरीवाल ने हाल ही में आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा था कि उसके बाद दिल्ली में बाढ़ नहीं आई, हालांकि हाल के वर्षों में भी यमुना नदी खतरे के निशान को पार कर गई थी।

वर्ष 2013 में हथिनीकुंड बैराज से 8 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, जिससे यमुना नदी का स्तर 207.32 मीटर हो गया था। वहीं, वर्ष 2019 में हथिनीकुंड बैराज पर 8.28 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था और यमुना का स्तर 206.6 मीटर तक पहुंच गया था।

ताजा मामले में आज बुधवार (12 जुलाई) को जैसे ही यमुना नदी ने 1978 के निशान को पार किया, वैसे ही दिल्ली के निचले इलाकों में बचाव कार्य युद्ध स्तर पर शुरू कर दिया गया है। यहां रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा रहा है।

यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बहने के कारण उफनती नदी का पानी अब शहर में फैलने लगा है, जिससे निवासियों के लिए परेशानी खड़ी हो गई है। कश्मीरी गेट और रिंग रोड के पास मठ बाजार में पानी घुस गया, जिससे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ा।

उफनती यमुना नदी का पानी रिंग रोड में घुस गया और पानी को आगे बढ़ने से रोकने के लिए अधिकारियों द्वारा रेत की बोरियां लगायी गयीं। लोगों को निकालने के लिए भारी मशीनरी तैनात की गई है।

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