कानपुर में बुधवार सुबह से तेज धूप के साथ उमस लोगों को परेशान कर रही है। मंगलवार की शाम शहर में अलग-अलग हिस्से में 15 से लेकर 25 मिनट तक वर्षा हुई। उमस भरी गर्मी से बेहाल लोगों ने इससे काफी राहत महसूस की। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि रूठे बादलों के लौटने के साथ ही मानसून वर्षा के आसार फिर बन रहे हैं।
कानपुर, मानसून वर्षा कराने वाली रेखा मंगलवार से शहर में भले ही मेहरबान हो गई हो लेकिन बुधवार सुबह से खिली धूप ने उमस बढ़ा दी। लोग पसीना बहाते नजर आए। धूप निकलने के साथ बीच बीच में बादलों की आवाजाही से लोग वर्षा को आशान्वित रहे। शाम तक वर्षा होने के आसार हैं। सीएसए कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विज्ञानी डा. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि मौसम में परिवर्तन होने से अगले पांच दिन तक वर्षा होने के संकेत मिले हैं। कई दिन बाद बीते मंगलवार शाम को शहर के विभिन्न क्षेत्रों में करीब 15 मिनट तक की वर्षा ने मानसून को सक्रिय कर दिया है। मानसून वर्षा कराने वाली रेखा अब उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की सीमा के पास आ गई है।
इसके साथ ही झांसी व ग्वालियर क्षेत्र में चक्रवाती हवा का दबाव भी बन रहा है। बंगाल की खाड़ी से भी नम हवाओं का निम्न दबाव क्षेत्र बना है जो अगले चार से पांच दिन के दौरान अच्छी वर्षा करा सकता है। मंगलवार को अधिकतम तापमान भी सोमवार के 36.4 डिग्री से घटकर 34 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया।
न्यूनतम तापमान 29.4 डिग्री रहा। मंगलवार की शाम लगभग पौने छह बजे शहर में बादल तेजी से घिरे और हल्की बूंदाबांदी के साथ थोड़ी ही देर में तेज बारिश शुरू हो गई। मौसम वेधशाला में चार मिमी तक वर्षा दर्ज की गई। विज्ञानी के अनुसार, मानसून वर्षा कराने वाली रेखा अब उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की सीमा के पास आ गई है।
इसके साथ ही झांसी व ग्वालियर क्षेत्र में चक्रवाती हवा का दबाव भी बन रहा है। बंगाल की खाड़ी से भी नम हवाओं का निम्न दबाव क्षेत्र बना है जो अगले चार से पांच दिन के दौरान अच्छी बारिश करा सकता है। किसानों को अब खेत में सिंचाई करने से बचना चाहिए। इस दौरान इतनी बारिश होगी जो खेत की सिंचाई के लिए पर्याप्त होगी।