अस्पताल कर्मी 17 दिनों तक फ्रीजर में शव रखकर भूले गए, डिप्टी सीएम ने मांगा स्पष्टीकरण

इन्स्टीटयूट कर्मचारी लापरवाही से फीजर में 17 दिन तक शव रखकर भूल गए थे। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बताया कि पूरे प्रकरण की जांच कराकर जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई होगी। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव को इंस्टीट्यूट के निदेशक से स्पष्टीकरण भी लेने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा कौशांबी बदायूं और कानपुर के वायरल वीडियोज पर भी अधिकारियों से जवाब मांगा है।

 

लखनऊ। नोएडा में गवर्नमेन्ट इन्स्टीटयूट ऑफ मेडिकल साइंसेस में 17 दिन तक शव फीजर में रखकर भूलने का गंभीर मामला सामने आया है। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने इस अतिसंवेदनशील घटना का संज्ञान लिया है। मामले की जांच के आदेश दिए हैं। निदेशक से स्पष्टीकारण तलब करने के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव को निर्देश भी दिए हैं। इन्स्टीटयूट कर्मचारी लापरवाही से फीजर में 17 दिन तक शव रखकर भूल गए थे। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बताया कि पूरे प्रकरण की जांच कराकर जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई होगी। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव को इंस्टीट्यूट के निदेशक से स्पष्टीकरण भी लेने के निर्देश दिए हैं।

पोस्टमार्टम हाउस में वसूली के आरोप की जांच

कौशाम्बी के पोस्टमार्टम हाउस में कर्मचारी की धन वसूली का वीडियो वायरल हुआ है। डिप्टी सीएम ने मुख्य चिकित्साधिकारी को दोषियों के खिलाफ जांच और कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। डिप्टी सीएम के निर्देश पर डिप्टी सीएमओ डॉ. एचपी मणि से जांच करायी जा रही है। जांच के बाद दोषी पाये जाने पर संबंधित कर्मचारी के विरुद्ध बर्खास्तगी की कार्यवाही की जाएगी। उधर, कानपुर के उर्सला अस्पताल में ऑपरेशन थिएटर में रिश्वतखोरी का वीडियो वायरल हुआ है। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बताया कि निदेशक, उर्सला ने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आनंद मोहन वर्मा की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति गठित कर दी है।

इसमें डॉ. चिकित्सा अधीक्षक डॉ. शैलेंद्र तिवारी व वरिष्ठ परामर्शदाता डॉ. धीर सिंह को सदस्य बनाया गया है। जांच के बाद दोषियों के विरुद्ध समयबद्ध रूप से कार्यवाही की जाएग। जांच रिपोर्ट एक सप्ताह में पूरी करनी है। बदायूं के जिला चिकित्सालय में सीटी स्कैन एवं एक्सरे जांच के लिए अवैध वसूली का वीडियो वॉयरल का संज्ञान लेते हुए उन्होंने अवैध वसूली की घटना को शर्मनाक बताया। इस संबंध में बरेली की निदेशक डॉ. पुष्पा पन्त को मौके पर जाकर जांच करने व दो सप्ताह में आख्या उपलब्ध कराने का आदेश दिया गया है। इस घटना में संलिप्त स्वास्थ्यकर्मियों एवं दलालों के विरूद्ध कठोर एवं विधिक कार्यवाही की जाएगी।

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