उन्नाव साफ-सफाई के नाम पर वाहवाही बटोरने वालों के दावे हुए भेल अपनी बदहाली पर आसू बहाता वार्ड नम्बर -22 ।

जिम्मेदार कर्मचारियों का कहना न तो उन्हें क्षेत्र की साफ-सफाई से कुछ लेना देना नहीं है और ना तो वहां की जनता के स्वास्थ्य (जिंदगी) से मामला वार्ड नंबर 22 के सिविल लाइन के अंतर्गत गणेश मंडपम से लेकर सुभाष स्कूल तक आने-जाने वाली गली का है जिसकी हकीकत फोटो में साफ प्रदर्शित होती है ना तो रोड का पता है ना तो नालियों का और, सिर्फ खुली, गंदी, बदबूदार नालियों का और उसमें बह रहें गंदे, प्रदूषित मलवा।

आवाज –ए– लखनऊ ~ उन्नाव संवाददाता – महेन्द्र कुमार 

उन्नाव – नगर पालिका परिषद उन्नाव जहां एक तरफ लाखों करोड़ों रुपए खर्च कर एवं सैकड़ो कर्मचारियों को नगर को स्वच्छ बनाने हेतु वेतन पर रखकर समूचे नगर को स्वच्छ वा साफसुथरा बनाने का लगातार प्रयत्न कर रही है ताकि नगर साफ सुथरा एवं मनमोहक लगे एवं क्षेत्रीय निवासियों को गंदगी से संबंधित समस्या एवं बीमारियों से दूर रख सके, परंतु नगर पालिका के अंतर्गत आने वाला वार्ड नंबर 22 सफाई के नाम पर अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है ।

और जिम्मेदार कर्मचारियों कान्हा तो उसे क्षेत्र के साफ सफाई से कुछ लेना देना है और ना तो वहां की जनता के स्वास्थ्य (जिंदगी)से मामला वार्ड नंबर 22 के सिविल लाइन के अंतर्गत गणेश मंडपम से लेकर सुभाष स्कूल तक आने वाली गली का है जिसकी हकीकत फोटो में साफ प्रदर्शित होती है ना तो रोड का पता है ना तो नालियों का और, सिर्फ खुली, गंदी, बदबूदार नालियों का और उसमें बह रहें गंदे, प्रदूषित मलवे जिसके चलते कई घरों के मुख्य गेट के तो हालात ऐसे हैं की घर से किसी काम के लिए तैयार होकर निकले तो पहले कीचड़ से बचकर निकले, जिसके कारण निकलने वाले आमजन को गंदी बदबू (जिससे कि स्वास्थ्य संबंधी बीमारियां उत्पन्न होती हैं), वा फिसल कर गिरने एवम उससे होने वाली हानि आदि चीजों का ख्याल कर कर मजबूरी में निकलना होता है, संबंधित मार्ग से आसपास में ही दो स्कूल पढ़ते हैं जिसके चलते सैकड़ो बच्चों का आवागमन होता है बाकी क्षेत्रीय जनता तो रोज ही संबंधित समस्या का सामना करती हैं, पर बावजूद उसके जिम्मेदार कर्मचारियों को इन सब बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि किसी ने कहावत सही कही है जनता त्रस्त जिम्मेदार मस्त।

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