उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का आदेश हवा हवाई अधिकारियों को रास नहीं आई।

खतरे में हैं लोकतंत्र, सरकारें हो चुकी है बहरी! पत्रकारों का हो रहा उत्पीड़न, सच सामने लाना पड़ रहा भारी आदेश सिर्फ बन गई सुर्खियां जिनको करनी थी कार्रवाई उन्हीं के आका लगे बचाने में लखनऊ पुलिस पत्रकारों से कर रही बदसलूकी सभी राज्यों को दिए निर्देश दिखावे के सिर्फ निर्देश लाइन हाजिर नहीं कोई सजा आखिर जांच में किसको आई आच दस दिन रहेंगे लाइन हाजिर उन्हीं के हितैषी करेंगे जांच नहीं आएगी कोई आच ।

आवाज –ए– लखनऊ ~ संवाददाता लखनऊ – पत्रकारो के साथ बदसलूकी करने वालों पर दर्ज होगी FIR, मिलेगी सजा – पर कैसे हो करवाई कानून का पाठ पढ़ने वाले ही कानून को अपने हाथ में लेकर पत्रकार को मारे चाटे और तोड़ दिया फोन अधिकारियों ने अपना लाज बचाने के लिए यातायात उप निरीक्षक को किया लाइन हाजिर और साथ में रहे यातायात के चार सिपाहियों पर नहीं की गई कोई भी कार्रवाई पीड़ित पत्रकार न्यायालय का ले रहा सहारा।

ये आदेश सिर्फ बन गई सुर्खियां जिनको करनी थी कार्रवाई उन्हीं के आका लगे बचाने में।

लखनऊ ~ हाईकोर्ट की टिप्पणी के बाद पीएम और सीएम का भी ऐलान आया है कि, पत्रकारों से अभद्रता करने वालों पर लगेगा 50,000 का जुर्माना एवं पत्रकारों से बदसलूकी करने पर हो सकती है 3 साल की जेल पत्रकार को धमकाने वाले को 24 घंटे के अंदर जेल भेज दिया जाएगा पत्रकारों को धमकी के आरोप में गिरफ्तार लोगों को आसानी से नहीं मिलेगी जमानत सीएम योगी का कहना है कि पत्रकारों को परेशानी होने पर तुरंत संपर्क कर सहायता प्रदान करें और पत्रकारों से मान-सम्मान से बात करें वरना आप को पड़ेगा महंगा।

लखनऊ पुलिस पत्रकारों से कर रही बदसलूकी सभी राज्यों को दिए निर्देश दिखावे के सिर्फ निर्देश।

प्रेस काउन्सिल ने देश के केबिनेट सचिव, गृह सचिव, सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, मुख्य सचिवों व गृह सचिवों को इस सम्बन्ध में निर्देश भेजा है और उसमें स्पष्ट कहा है कि, पत्रकारों के साथ पुलिस या अर्द्धसैनिक बलों की हिंसा बर्दाश्त नही की जायेगी। सरकारें ये सुनिश्चित करें कि, पत्रकारों के साथ ऐसी कोई कार्यवाही कहीं न हो। पुलिस की पत्रकारों के साथ की गयी हिंसा मीडिया की स्वतन्त्रता के अधिकार का हनन माना जायेगा जो संविधान की धारा 19 एक ए में दी गयी है और इस संविधान की धारा के तहत बदसलूकी करने वाले पुलिसकर्मी या अधिकारी पर आपराधिक मामला दर्ज होगा।

लाइन हाजिर नहीं कोई सजा आखिर जांच में किसको आई आच।

बिजनौर अंडरपास पर यातायात पर निरीक्षक आसिफ अख्तर ने खबर की स्टिंग कर रहे पत्रकार को चांटा मारा और गाली दी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ वीडियो पत्रकारों के संगठन के दबाव में आकर दिखावे के लिए यातायात उप निरीक्षक आसिफ अख्तर को डीसीपी ट्रैफिक ने लाइन हाजिर कर दिया गया यह सारा मामला तब हुआ जब मीडिया कर्मियों ने थाने पर जाकर धरना दिया उसके बाद डीसीपी ने मामले को संज्ञान में लेकर कार्रवाई की लेकिन चार सिपाहियों पर कार्रवाई नहीं की गई जो साथ में सन लिप्त थे।

दस दिन रहेंगे लाइन हाजिर उन्हीं के हितैषी करेंगे जांच नहीं आएगी कोई आच।

ये सारी चीज सिर्फ दिखावे के लिए की गई है लाइन हाजिर कोई सजा नहीं है यूपी के मुख्य मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेशों पर सख्त नहीं लखनऊ पुलिस के आला अधिकारी यातायात उप निरीक्षक पर कर रहे मेहरबानी आप पत्रकार के संगठन हुए एक जुट कब तक रहेंगे साहब मेहरबान।

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