अभियोजन के अनुसार 15 जनवरी 2012 की रात किसान शाहबाद तहसील के करीमगंज गांव स्थित राणा शुगर में गन्ना लेकर जा रहे थे। इस दौरान किसानों का मिल कर्मचारियों से ट्रैक्टर ट्राली पहले निकालने को लेकर विवाद हो गया था। अगले दिन बड़ी संख्या में किसान मिल के गेट पर इकट्ठा हो गए थे। तब किसानों के समर्थन में पूर्व विधायक काशीराम दिवाकर भी अपने समर्थकों के साथ आ गए।
रामपुर : राणा चीनी मिल के कर्मचारियों से मारपीट और लूटपाट के मामले में एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (सेशन ट्रायल) के न्यायाधीश डा. विजय कुमार ने भाजपा के पूर्व विधायक काशीराम दिवाकर समेत छह लोगों को सात वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। सजा सुनाए जाने के दौरान सभी न्यायालय में मौजूद रहे। न्यायालय ने बुधवार को सभी को दोष सिद्ध करते हुए जेल भेज दिया था। अभियोजन के अनुसार 15 जनवरी 2012 की रात किसान शाहबाद तहसील के करीमगंज गांव स्थित राणा शुगर में गन्ना लेकर जा रहे थे। इस दौरान किसानों का मिल कर्मचारियों से ट्रैक्टर ट्राली पहले निकालने को लेकर विवाद हो गया था। अगले दिन बड़ी संख्या में किसान मिल के गेट पर इकट्ठा हो गए थे। तब किसानों के समर्थन में पूर्व विधायक काशीराम दिवाकर भी अपने समर्थकों के साथ आ गए।
कर्मचारियों पर की थी फायरिंग
इसके अलावा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की नेता रहीं संजू यादव भी किसानों के आंदोलन में शामिल हो गई थीं। संजू यादव के कहने पर कुछ लोगों ने मिल कर्मियों पर फायरिंग भी की थी। मिल में तोड़फोड़ की। मिल कर्मचारी इस घटना में घायल हो गए थे। चीनी मिल प्रशासन की ओर से घटना में दो प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इनमें एक प्राथमिकी मिलकर्मी ओमवीर सिंह की ओर से की गई थी, जिसमें जांच के बाद पुलिस ने 39 के विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया था।
इनमें 27 लोगों की पत्रावली पर सुनवाई के बाद बुधवार को एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (सेशन ट्रायल) के न्यायाधीश डा. विजय कुमार ने 21 लोगों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया, जबकि भाजपा के पूर्व विधायक काशीराम दिवाकर, संजू यादव, भाजपा नेता सुरेश बाबू गुप्ता, किशन पाल, भारत सिंह और मेघराज को दोष सिद्ध कर दिया था। सभी छह लोगों को जेल भेज दिया था। गुरुवार को न्यायालय ने सभी को जेल से तलब किया और सजा सुनाई। डकैती की धारा में सभी को सात-सात साल कैद की सजा सुनाई गई है।