युवाओं के लिए एक बड़ी खबर आई है। यहां पेट्रोल पंप पर नाबालिग को डीजल या पेट्रोल नहीं देने के निर्देश हैं। माध्यमिक और बेसिक शिक्षा विभाग को निर्देश दिया गया है कि वह सरकारी और निजी विद्यालयों में प्रवेश के समय अभिभावकों से शपथ पत्र भरवाएं कि वह अपने नाबालिग बच्चे को ट्रैफिक नियमों के विपरीत वाहन चलाने की अनुमति नहीं देंगे।
लखनऊ। प्रदेश में 18 वर्ष से कम आयु के विद्यार्थियों को दोपहिया व चार पहिया वाहन चलाने से रोक लगाने के लिए और सख्ती की जाएगी। बढ़ती दुर्घटनाओं को देखते हुए अब एक जुलाई से पेट्रोल पंप पर नाबालिग को डीजल या पेट्रोल नहीं देने के निर्देश हैं।पेट्रोल पंप से ही इसकी निगरानी रहेगी और नोटिस भी चस्पा होगा। राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य डा. शुचिता चतुर्वेदी ने माध्यमिक और बेसिक शिक्षा निदेशक, पुलिस महानिदेशक, खाद्य रसद विभाग के आयुक्त, परिवहन आयुक्त व अपर पुलिस महानिरीक्षक को दिशा निर्देश जारी किया है।18 वर्ष से कम आयु के छात्र-छात्राओं के यातायात नियमों का उल्लंघन करते हुए बगैर ड्राइविंग लाइसेंस के वाहन चलाने से होने वाली दुर्घटनाओं को लेकर चिंता जताई गई है।
आयोग ने इसे लेकर सभी विभागों के साथ छह जून को बैठक की थी।उस बैठक में यातायात, पुलिस, शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने विचार-विमर्श के बाद यातायात सुरक्षा को लेकर अभियान चलाने के लिए सहमति बनी। नाबालिग को स्कूटी, दोपहिया व चार पहिया वाहन चलाने के रोकने के लिए ट्रैफिक पुलिस नियमित अभियान चलाएगी। इसमें परिवहन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी भी शामिल रहेंगे। आयोग ने खाद्य व रसद विभाग को निर्देश दिया है कि जिला पूर्ति अधिकारी के माध्यम से पेट्रोल पंप पर यह सुनिश्चित कराएं कि कोई भी पंप नाबालिग को डीजल या पेट्रोल न दें।
परिवहन विभाग स्कूल संग मिलकर चलाए अभियान
16 वर्ष से कम आयु के बच्चों को कोई भी मोटर वाहन चलाने और 18 वर्ष से कम आयु के विद्यार्थियों को 50 सीसी से अधिक इंजन क्षमता की मोटरसाइकिल या चार पहिया वाहन चलाने के खिलाफ परिवहन विभाग की ओर से स्कूल प्रबंधन के साथ मिलकर कार्रवाई करने के लिए भी निर्देशित किया गया है। बिना वैध ड्राइविंग लाइसेंस के वाहन चलाते पकड़े जाने पर चालान के साथ वाहन मालिक के खिलाफ कार्रवाई भी होगी।