पुलिसकर्मी ही पुलिस कर्मी की मदद क्योंं नहीं कर पाते”

इन्ही सब बातों पर पुलिस कर्मी अपने आप को वेवश पाते है अभी कुछ समय पहले सोशल मीडिया में एक वीडियो वारयल हुआ था जिसमे पुलिस कर्मी आत्महत्या करने को मजबूर दिख रहा था क्या इसी को पुलिस का मनोबल मजबूत करने को कहते?
          
लखनऊ–आवाज़ ~ ए ~ लखनऊ ! उत्तर प्रदेश में प्राय:,यह देखने में आता है कि एक पुलिसकर्मी दूसरे पुलिसकर्मी की मदद नहीं कर पाते कारण प्रत्येक पुलिसकर्मी अपनी बदनामी से डरता है यह एक कारण हो सकता है पुलिसकर्मी भी उत्पीड़न का शिकार हो सकता है एक उदाहरण एक सिपाही की गांव की जमीन पर गांव का एक दबंग कब्जा कर रहा था परन्तु सम्बंधित थाना उस पुलिसकर्मी की मदद नही कर रहा था मुझे सूचना मिली मै सम्बंधित थानेदार से मिला उन्होंने मुझसे साफ कहा देखिये वो सिपाही मेरे थाने से सम्बंधित है और तत्काल मेरे ऊपर पक्षपात का आरोप लग जायेगा,
इन्ही सब बातों पर पुलिस कर्मी अपने आप को वेवश पाते है अभी कुछ समय पहले सोशल मीडिया में एक वीडियो वारयल हुआ था जिसमे पुलिस कर्मी आत्महत्या करने को मजबूर दिख रहा था क्या इसी को पुलिस का मनोबल मजबूत करने को कहते? अधिकारी अपना पल्ला झाड़कर कह देते जांच होगी सिपाही कितनी भी सफाई दे मगर फँसेगा वही चाहे सिपाही गलत हो या न इस तरह की कार्यवाही से पुलिस कर्मियों का मनोबल टूटता जा रहा है उच्चाधिकारियों को संज्ञान में लेना चाहिए ! अगर पुलिसकर्मी सही है तो उसकी मदद होनी चाहिए सरकार को ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए।

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