सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद अब लखनऊ में एक अपर निदेशक के साथ तीन संयुक्त निदेशक स्वास्थ्य सेवाओं के संबंध में फैसला लेंगे। कोरोना संक्रमण के तेजी से बढ़ते प्रसार के बीच में लखनऊ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने लगभग सरेंडर कर दिया था।
लखनऊ, उत्तर प्रदेश में बेहद खतरनाक होते जा रहे कोरोना वायरस संक्रमण पर अंकुश लगाने के रोज नए जतन हो रहे हैं। कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद भी सीएम योगी आदित्यनाथ रोज समीक्षा बैठक में अधिकारियों से हर रोज कोरोना वायरस संक्रमण कम करने के उपायों पर चर्चा करते हैं। सोमवार को लखनऊ को लेकर उन्होंने बड़ा फैसला किया है।
सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद अब लखनऊ में एक अपर निदेशक के साथ तीन संयुक्त निदेशक स्वास्थ्य सेवाओं के संबंध में फैसला लेंगे। कोरोना संक्रमण के तेजी से बढ़ते प्रसार के बीच में लखनऊ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने लगभग सरेंडर कर दिया था। उनके शिथिल होने के कारण लखनऊ में स्थितियां दिन पर दिन विकराल होती गईं। यहां पर संक्रमितों को ना तो हॉस्पिटल में बेड मिल पा रहा था और ना ही कोई बेहतर चिकित्सा सुविधा। इसके बाद योगी आदित्यनाथ सरकार ने मामले का संज्ञान लिया। लखनऊ में काबिल अफसर की कमी सरकार को भी खली और यहां पर चार वरिष्ठ अफसरों को तैनात किया गया है। एक अपर निदेशक के साथ तीन संयुक्त निदेशक लखनऊ की स्थिति संभालने के लिए भेजे गए हैं।
लखनऊ में अपर निदेशक डॉ. जीएस बाजपेयी के साथ संयुक्त निदेशक डॉ. वाइके पाठक, डॉ. विकास सिंघल व डॉ. सुनील पाण्डेय को तैनात किया गया है।