अलकायदा का अफगानिस्तान में जाने के एलान के साथ ही अमेरिका के लिए चिंता बढ़ गई है। वापसी में खलल देखी जा रही है। अमेरिकी सैनिकों पर तालिबान कर सकता है बड़े हमले। वापसी के दौरान अमेरिका ने बढ़ाई ताकत लड़ाकू विमान भी भेजे।
वाशिंगटन, एजेंसियां। अमेरिका ने बेशक सेना वापसी की घोषणा कर दी है, लेकिन अफगानिस्तान को लेकर उसकी दिक्कतें बढ़ रही हैं। कुख्यात आतंकी संगठन अलकायदा ने एलान किया है कि वह तालिबान के साथ अफगानिस्तान में फिर वापस लौटेगा। उसकी अमेरिका से लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। इधर अमेरिका को सेना के लौटने के दौरान तालिबान के हमलों की आशंका है। इसी कारण पेंटागन अतिरिक्त बल और लड़ाकू विमान तैनात कर रहा है।
कुख्यात आतंकी संगठन अलकायदा ने अमेरिका में 11 सितंबर के हमले के मास्टर माइंड ओसामा बिन लादेन की मौत के दस साल पूरे होने पर एलान किया है कि उसकी अमेरिका से लड़ाई कभी खत्म नहीं होगी। वह अफगानिस्तान में सेना वापसी के बाद तालिबान के साथ फिर वापस लौटेगा।
सीएनएन के साथ माध्यम के जरिये अलकायदा ने एक साक्षात्कार में कहा कि अमेरिका ये न समझे कि उसकी लड़ाई खत्म हो गई है। अलकायदा ने यह भी दोहराया कि अमेरिकी सैनिकों के वापस लौटते ही वह तालिबान के साथ फिर अफगानिस्तान पर अपना कब्जा करेगा। अलकायदा के प्रवक्ता ने अफगानिस्तान को धन्यवाद देते हुए कहा कि उसने तमाम जिहादी संगठनों को अपने देश में पनाह दी । ऐसे तमाम जिहादी संगठन विश्व के अन्य इस्लामिक देशों में भी लंबे समय से सक्रिय हैं।
इधर अमेरिका को इस बात की पुख्ता जानकारी मिली है कि सेना वापसी के दौरान उसके सैनिकों पर बड़े हमले किए जा सकते हैं। इन हमलों की योजना तालिबान बना रहा है। पेंटागन के रक्षा सचिव जॉन किर्बी ने बताया कि रक्षा मंत्री जॉन ऑस्टिन ने मध्य पूर्व में कम से कम चार बी-52 लड़ाकू विमान और आर्मी रेंजर टास्क फोर्स को तैनात करने का फैसला लिया है।